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बनारस में आबाद है गंदा धंधा, जांच में उजागर हुआ अनैतिक कार्य का सच

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. पुलिस अधिकारियों से लेकर एलआइयू और तमाम कार्यालयों में फाइलें धूल फांक रही हैंं। अनैतिक कार्यों को लेकर पर्यटन विभाग ने भी अपनी रिपोर्ट तैयार की थी। वहीं एक सच यह भी है कि 65 फीसदी के पास लाइसेंस तक नहीं है। सिगरा क्षेत्र के अंतर्गत संचालित गेस्ट हाउस, होटल और पेइंग गेस्ट हाउस में अनैतिक व्यापार की शिकायतें मिलती रहती हैं। डेढ़ वर्ष पूर्व एलआईयू (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ था।

रिपोर्ट के मुताबिक परेड कोठी, इंग्लिशिया लाइन, रोड़वेज, विजया नगरम मार्केट समेत 50 से ज्यादा गेस्ट हाउस और होटल बगैर लाइसेंस के चल रहे हैं। जिनमें 16 प्रतिष्ठानों में शिकायत मिली थी। रिपोर्ट बनाकर जिला प्रशासन को सौंप दिया गया था। डेढ़ वर्ष का लंबा समय गुजर गया, लेकिन कोई मुकम्मल कार्रवाई नहीं हुई। इसके अलावा शहर के लंका, गोदौलिय, दशाश्वमेध व चौक आदि क्षेत्र में भी ऐसे होटल और गेस्ट हाउस बगैर सराय एक्ट के संचालित हो रहे हैं। जिला प्रशासन के पास विभिन्न इलाकों से ऐसी कई शिकायतें पहुंच रही है।

पर्यटन विभाग की जांच में मिली थी गड़बड़ी : पर्यटन विभाग की ओर से सिगरा के इंग्लिशिया लाइन, विजया नगरम मार्केट, कैंट और लंका व दुर्गाकुंड आदि इलाकों में संचालित पेइंग गेस्ट हाउस का सर्वेक्षण कराया गया था। जहां गड़बडी मिली थी। पेइंग गेस्ट हाउस का नियम है कि भवन में मालिक परिवार का रहना जरूरी है, लेकिन अधिकतर गेस्ट हाउसों में किसी का परिवार नहीं रह रहा यह खुलासा पर्यटन टीम की जांच में हुआ।

क्या है सराय एक्ट: सराय 1967 की धारा-3 के अंतर्गत किसी भी ऐसे होटल गेस्ट हाउस सराय एवं प्रतिष्ठान जहां यात्री विश्राम के लिए भुगतान के आधार पर दिया जाता है। ऐसे समस्त प्रतिष्ठानों का उक्त धारा के अंतर्गत पंजीकरण होना आवश्यक है यदि कोई भी होटल प्रतिष्ठान बिना सराय एक्ट पंजीकरण के संचालित होता है तो सराय एक्ट अधिनियम के अंतर्गत उस प्रतिष्ठान के विरुद्ध दंडनीय कार्रवाई की जा सकती है।

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