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CM योगी का अखिलेश यादव पर तंज, कहा- नाम समाजवादी, काम दंगावादी और सोच परिवारवादी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, मथुरा. उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए बयानबाजी तेज हो गई है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव बगैर नाम लिए उनपर तीखा हमला बोला. मथुरा के छाता और गोवर्धन में जनसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले की सरकारों में पेंशन, राशन, शौचालय, सड़कों और तीर्थों के विकास का पैसा इत्र वाले मित्र के घर में चला जाता था. हमारा बुलडोजर चलते चलते इत्र वाले मित्र के घर पहुंच गया. नाम समाजवादी, काम दंगावादी और सोच परिवारवादी.

मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि सपा के समय सबसे पहला दंगा कोसीकलां में हुआ था. हिन्दुओं को मारा गया, जब लोगों ने गुहार लगाई तो उन्हें झूठे मुकदमे लगाकर बंद कर दिया. सपा का नीति ही रही है दंगा करवाना. चाहे मुजफ्फरनगर या कोसीकलां या रामभक्तों पर गोली चलनवा हो. सपा की टोपी खून से सनी हुई दिखाई देती है, इसलिए लाल है. सीएम ने कहा कि मुजफ्फरनगर में बहन की रक्षा के लिए गए सचिन और गौरव जैसे जाट युवकों की हत्या कर दी जाती थी. तब सपा के एक मंत्री इनको छुड़वाने कार्य कर रहे थे. आज बेटियों की तरफ देखने वाले को कठोर सजा मिलती है. एक तरफ विकास तो दूसरी तरफ माफिया के खिलाफ बुलडोजर खड़ा रहता है.

उन्होंने कहा कि पहले जब नौकरी निकलती थी तो सैफई घराना हड़प लेता था. चाचा-भतीजा वसूली के लिए निकल पड़ते थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे ही चुनाव शुरू हुआ तो विपक्षी दलों को लगा कि सरकार अब सीधे कार्रवाई नहीं करेगी तो गुंडे फिर उत्पात कर रहे हैं. 10 मार्च के बाद इनकी गर्मी शांत होने वाली है. जब चींटी के मरने का समय आता है तो उसके के पंख निकल आते हैं. हम किसी को छेड़ते नहीं, पर किसी निर्दोष को छेड़ेगा तो छोड़ेंगे भी नहीं. योगी ने कहा कि दो लड़कों की जोड़ी दंगाइयों की जोड़ी है. जब प्रदेश में दंगा हो रहा था, तो लखनऊ वाला लड़का मुख्यमंत्री था और तमाशा देख रहा था. दिल्ली वाला हंस रहा था।. तब जाटों के प्रति संवेदना नहीं जगी थी. चुनाव आते ही जाति नजर आती है.

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