भाजपा ने पूर्वांचल के अपने प्रत्याशियों की सूची जारी की, जानें किसका कटा नाम
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. भारतीय जनता पार्टी ने रविवार रात अपने प्रत्याशियों की एक और सूची जारी कर दी है। पार्टी की लिस्ट में 45 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इसमें वाराणसी समेत आसपास के कई जिलों के प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई। पार्टी ने कैबिनेट मंत्री स्वाति सिंह का टिकट काटने के बाद उनके पति दयाशंकर सिंह पर विश्वास जताया है। उन्हें बलिया शहर सीट से टिकट दिया गया है। भाजपा ने मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल का स्थान परिवर्तन करते हुए बैरिया विधान सभा क्षेत्र से टिकट दिया है, वहीं इस विधान सभा क्षेत्र के विधायक सुरेंद्र सिंह का टिकट काट दिया है।
जाैनपुर में कांग्रेस छोड़कर आए अजय शंकर दुबे मुंगराबादशाहपुर तो जौनपुर के पूर्व सांसद केपी सिंह मल्हनी से भाजपा प्रत्याशी बनाया। मऊ के मधुबन विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी रामविलास चौहान। चौहान बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के पुत्र हैं। गाजीपुर में भाजपा ने फिर से पुराने चेहरों पर दाव खेला है। सदर से सहकारिता राज्यमंत्री डा. संगीता बलवंत, मुहम्मदाबाद से अलका राय, जंगीपुर से रामनरेश कुशवाहा और जखनियां विधानसभा से भाजपा अनुसूचित मोर्चा के जिला महामंत्री रामराज बनवासी को प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं जमानियां से सुनीता सिंह को पहले ही प्रत्याशी घोषित किया जा चुका है। आजमगढ़ की फूलपुर पवई सीट पर सपा उम्मीदवार रमाकांत यादव के बेटे सीटिंग विधायक अरुणकांत का टिकट काट पूर्व में लोकसभा उम्मीदवार रहे रामसूरत राजभर पर दांव लगाया।
मऊ में भाजपा ने मुहम्मदाबाद गोहना सीट पर निवर्तमान विधायक श्रीराम सोनकर पर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट प्रदान किया है। घोसी विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी विजय राजभर।आजमगढ़ क सगड़ी से बंदना सिंह को तो फूलपुर पवई से रामसूरत राजभर को विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया है। फूलपुर पवई से वर्तमान विधायक अरुणकांत यादव का टिकट पार्टी ने काट दिया है।
विधानसभा सामान्य निर्वाचन की घोषणा होने के बाद टिकट को लेकर चल रहे कयासों पर रविवार को देर शाम विराम लग गया। भाजपा ने भदोही से रवींद्र नाथ त्रिपाठी और औराई सुरक्षित सीट से दीनानाथ भास्कर पर दूसरी बार भरोसा जताया है।
मीरजापुर जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा ने अपने वर्तमान विधायकों पर ही भरोसा जताया है। रविवार की रात में भाजपा ने सूची जारी कर सदर क्षेत्र से वर्तमान विधायक रत्नाकर मिश्र को पुनः प्रत्याशी बनाने की घोषणा कर दी। मड़िहान क्षेत्र से वर्तमान विधायक ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर पटेल को प्रत्याशी घोषित किया गया है। चुनार विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक अनुराग सिंह पर भी भाजपा ने भरोसा जताते हुए पुनः प्रत्याशी घोषित किया है।
गाजीपुर सदर से डा. संगीता बलवंत, मुहम्मदाबाद से अलका राय, जंगीपुर से रामनरेश कुशवाहा और जखनियां से रामराज बनवासी को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया।
चंदौली के सैयदराजा में सीटिंग विधायक सुशील सिंह पर भाजपा ने दोबारा भरोसा जताया है। भाजपा ने सकलडीहा सीट से सूर्यमुनी तिवारी को प्रत्याशी बनाया है। वह इस सीट से 2017 में पार्टी की ओर से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए।
बलिया नगर सीट पर दयाशंकर पर भाजपा ने खेला दांव
भाजपा ने बलिया नगर सीट से दयाशंकर सिंह पर दांव लगाया है। वह मूल रूप से बक्सर के राजपुर गांव के निवासी हैं, लेकिन बलिया की राजनीति में सक्रिय रहे हैं। उनकी शिक्षा भी बलिया से हुई है। बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ टिप्पणी के बाद वह सुर्खियों में आए। 1999 में लखनऊ विश्वविद्यालय में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से छात्रसंघ चुनाव से उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। भाजपा में अपनी पैठ बनाते हुए वह पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष पद तक पहुंचे। 2007 में वह भाजपा से ही बलिया की सदर सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे। बैरिया विधानसभा के रामनगर में उनकी ससुराल है। दयाशंकर की पत्नी मंत्री स्वाती सिंह रामनगर की ही निवासी हैं। द्वाबा क्षेत्र से पहले विधायक रहे स्व. मैनेजर सिंह दयाशंकर सिंह के मामा थे। इस नाते द्वाबा से भी उनका गहरा लगाव रहा है। इंटरमीडिएट की शिक्षा भी उन्होंने द्वाबा से ही पूरी की है।
बैरिया से चुनाव लड़ेंगे मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल
भाजपा ने मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल का स्थान परिवर्तन करते हुए उन्हें इस बार बैरिया विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है। यहां से 2017 में सुरेंद्र सिंह विधायक रहे। फिलहाल उनकी सीट फाइनल नहीं हुई है। आनंद स्वरूप शुक्ल 2017 में बलिया नगर से पहली बार चुनाव लड़कर विधायक बने। सरकार में उन्हें संसदीय कार्य एवं ग्राम्य विकास विभाग का राज्यमंत्री भी बनाया गया। पार्टी के इस निर्णय के बाद अब विधायक सुरेंद्र सिंह का क्या निर्णय होगा, इस पर सभी की नजर टिकी है।
मऊ की मुहम्मदाबाद गोहना सीट पर मौजूदा विधायक पर भरोसा
भाजपा ने मुहम्मदाबाद गोहना सीट पर निवर्तमान विधायक श्रीराम सोनकर पर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट प्रदान किया है। श्रीराम सोनकर आजमगढ़ के शाहगढ़ के निवासी हैं। वह मोहम्मदाबाद गोहना से पहली बार विधायक 1991 भाजपा से विधायक हुए थे। दूसरी बार 1996 में भाजपा से विधायक रहे। तीसरी बार 2017 में भाजपा से चुने गए। वर्ष 2002 में भाजपा से टिकट कटने के बाद सपा में शामिल हो गए थे। बाद में फिर भाजपा में वापसी हुई थी।
घोसी सीट पर विधायक विजय राजभर ही होंगे प्रत्याशी
वर्ष 2012 में मऊ नगर पालिका में निर्दलीय सभासद चुने गए विजय राजभर बेहद साधारण परिवार के हैं। इनके पिता नंदलाल राजभर मऊ शहर में मुंशी पुरा ओवरब्रिज के समीप सब्जी की दुकान लगाते हैं। 2015 में स्नातक करने के बाद विजय राजभर भाजपा के पूर्णकालिक राजनीति से जुड़े। उनकी सक्रियता को देखते हुए तत्कालीन भाजपा जिला अध्यक्ष दुर्ग विजय राय ने उन्हें संगठन में महामंत्री एवं बाद में मऊ नगर का अध्यक्ष नियुक्त किया। वर्ष 2019 में घोसी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक रहे फागू चौहान को बिहार का राज्यपाल नियुक्त किए जाने के बाद रिक्त स्थान पर हुए उपचुनाव में सारे कयासों को दरकिनार कर चुनाव मैदान में उतरे विजय राजभर ने बेहद नजदीकी मुकाबले में सपा समर्थित सुधाकर सिंह को शिकस्त दी थी। इस बार भी पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है।
राज्यपाल फागू चौहान के पुत्र रामविलास को पहली बार मधुबन से मौका
रामविलास चौहान घोसी से छह बार विधायक रहे वर्तमान में बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के पुत्र हैं। राजनीतिक परिवार से ताल्लुक होने के कारण वह युवावस्था से ही पिता के साथ क्षेत्र भ्रमण एवं चुनाव प्रचार में साथ रहे हैं। इसके चलते क्षेत्र की समझ एवं जनता की नब्ज से बखूबी वाकिफ है। अभी तक वह किसी भी राजनीतिक पद पर नहीं रहे हैं न किसी चुनाव में किस्मत आजमाई है। पहली बार भाजपा ने उन्हें मधुबन से प्रत्याशी बनाया है।
जौनपुर के मुंगराबादशाहपुर से कांग्रेस छोड़कर आए अजय शंकर को टिकट
मुंगराबादशाहपुर विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी बनाए गए अजय शंकर दुबे अज्जू ने 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से भाग्य आजमाया था। उस समय 59288 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे। 2017 में बसपा की सुषमा पटेल यहां से विधायक चुनी गईं। विधानसभा क्षेत्र के प्रेम के पूरा गांव निवासी अच्जू संगमरमर के कारोबारी हैैं। इनके पिता सुरेश चंद्र दुबे निभापुर इंटर कालेज से प्रधानाचार्य पद पर से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। 46 वर्षीय अजय शंकर दुबे पिछले वर्ष भाजपा का दामन थामा था।
पूर्व सांसद केपी सिंह मल्हनी से ठोकेंगे ताल
मल्हनी विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी बनाए गए डाक्टर कृष्ण प्रताप सिंह (केपी सिंह) पूर्व मंत्री स्व. उमानाथ सिंह के पुत्र हैं। 44 वर्षीय केपी सिंह महरूपुर जफराबाद के मूल निवासी हैं। वर्ष 2014 में जौनपुर लोकसभा सीट से भाजपा सांसद चुने गए थे। हालांकि 2019 में लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
आजमगढ़ में बंदना सगड़ी से तो फूलपुर पवई से रामसूरत राजभर लड़ेंगे चुनाव
भारतीय जनता पार्टी ने सगड़ी से बंदना सिंह को तो फूलपुर पवई से रामसूरत राजभर को प्रत्याशी बनाया है। फूलपुर पवई से वर्तमान विधायक अरुणकांत यादव का टिकट पार्टी ने काट दिया है। अरुणकांत के पिता रमाकांत यादव को इस बार सपा ने फूलपुर-पवई से मैदान में उतारा है। सपा के दांव के बाद से ही अरुण का टिकट कटने की आशंका प्रबल हो गई थी।
वर्ष 2017 के चुनाव में बंदना सिंह बीएसपी से चुनाव लड़कर जीती थीं। उन्होंने कुछ माह पूर्व ही भाजपा का दामन थामा था। रामसूरत राजभर के लिए फूलपुर-पवई नया नहीं है। वे इससे पूर्व भी निषाद पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ चुके हैं। दोनो सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा के साथ ही आजमगढ़ में चुनाव की तस्वीर लगभग साफ हो गई है। भाजपा के दो टिकटों की घोषणा के साथ ही कुल नौ सीटों पर उम्मीदवारों के चेहरे सामने आ चुके हैं, जबकि सपा अभी सात और कांग्रेस ने छह सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर चुकी है। बीजेपी अब भी मुबारकपुर सीट पर उम्मीदवार के नाम को लेकर असमंजस में है। रामसूरत फूलपुर पवई विधानसभा क्षेत्र के मक्खापुर गांव निवासी हैं। वर्ष 1999 में बीजेपी से आजमगढ़ सदर से लोकसभा चुनाव लड़कर 1,61,878 वोट पाए थे, उस समय सपा से रमाकांत सांसद चुने गए थे। एक बार फिर से दोनों फूलपुर पवई में आमने सामने होंगे।
चंदौली में सैयदराजा में दोबारा उम्मीदवार बने सुशील
सैयदराजा से भाजपा ने मौजूदा विधायक सुशील सिंह पर फिर भरोसा जताया है। वह लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं। 2007 में धानापुर (अब अस्तित्व में नहीं) विस क्षेत्र से बसपा से, 2012 में सकलडीहा से निर्दल चुनाव लड़े और विधायक हुए। 2017 के चुनाव से पूर्व वह भाजपा में शामिल हो गए और पार्टी ने सैयदराजा विस क्षेत्र से मैदान में उतार दिया। इस चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की। राजनीति उन्हें विरासत में मिली है। उनके पिता उदयनाथ सिंह उर्फ चुलबुल सिंह वाराणसी स्थानीय निर्वाचन प्राधिकारी क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) रहे।
सकलडीहा से उप विजेता रहे सूर्यमुनि फिर बने प्रत्याशी
भाजपा ने सकलडीहा सीट से सूर्यमुनि तिवारी को प्रत्याशी बनाया है। वह इस सीट से 2017 में पार्टी की ओर से चुनाव लड़े थे, लेकिन सपा के प्रभुनारायण से हार गए। इससे पहले पार्टी ने चकिया विकास खंड के वार्ड तीन से जिला पंचायत सदस्य का उम्मीदवार बनाया था और उन्होंने जीत का परचम लहराया था। राजनीति में सक्रियता देखते हुए पार्टी ने बीते विस चुनाव में उन्हें जोर आजमाइश करने मौका दिया था। राजनीति के अलावा शिक्षा जगत से भी उनका काफी लगाव है। मूल रूप से बबुरी के निवासी सूर्यमुनि एक कान्वेंट स्कूल के प्रबंधक भी हैं।
गाजीपुर में भी पुराने चेहरों पर दांव
गाजीपुर सदर से डा. संगीता बलवंत, मुहम्मदाबाद से अलका राय, जंगीपुर से रामनरेश कुशवाहा और जखनियां से रामराज बनवासी को भाजपा ने बनाया प्रत्याशी, सदर से भाजपा प्रत्याशी बनीं डा. संगीता बलवंत 2017 में पहली बार विधायक चुनी गई थीं। पीजी कालेज छात्रसंघ उपाध्यक्ष का चुनाव सबसे अधिक मतों से जितने का रिकार्ड अभी इन्हीं के नाम है। संगीता को भाजपा सरकार ने अंत समय में राज्यमंत्री बनाया था, इनके टिकट को लेकर तमाम चर्चाएं चल रही थी, लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने फिर से उनके नाम पर मोहर लगाकर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया।
वहीं, भाजपा ने मुहम्मदाबाद की विधायक अलका राय पर भी फिर से भरोसा जताते हुए प्रत्याशी बनाया है। यह वर्ष 2006 के उपचुनाव में पहली बार विधायक बनी थीं। इसके बाद 2017 में जीत दर्ज की थी।
अनुसूचित मोर्चा के जिला महामंत्री रामराज बनवासी को जखनियां से प्रत्याशी बनाया गया है। रामराज का मुसहर समाज को आगे बढ़ाने में योगदान माना जाता है। जंगीपुर से भाजपा ने फिर से रामनरेश को मैदान में उतारा है। वर्ष 2017 के चुनाव में रामनरेश कुशवाहा तीसरे नंबर पर थे।
मिर्जापुर में तीन वर्तमान विधायकों पर भाजपा ने जताया भरोसा
मिर्जापुर जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा ने अपने वर्तमान विधायकों पर ही भरोसा जताया है। इससे अटकलबाजियों पर विराम लग गया है। भाजपा ने सदर क्षेत्र से वर्तमान विधायक रत्नाकर मिश्र को पुन: प्रत्याशी बनाया है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने यहां से सपा के पूर्व मंत्री कैलाश चौरसिया को हराया था। इसी तरह मडि़हान क्षेत्र से वर्तमान विधायक व ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर पटेल को प्रत्याशी घोषित किया गया है। वर्ष 2017 के चुनाव में उन्होंने ललितेशपति त्रिपाठी को हराकर यह सीट हासिल की थी। चुनार विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक अनुराग सिंह पर भी भाजपा ने दोबारा भरोसा जताया है। हालांकि जिले की मझवां सीट पर भाजपा ने अभी तक कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। माना जा रहा है कि छानबे सीट अपना दल (एस) के खाते में मानी जा रही है।
भदोही से रवींद्र नाथ और औराई से लड़ेंगे दीनानाथ
भाजपा के टिकट को लेकर चल रहे कयासों पर रविवार को देर शाम विराम लग गया। भाजपा ने भदोही से रवींद्र नाथ त्रिपाठी और औराई सुरक्षित सीट से दीनानाथ भास्कर पर दूसरी बार भरोसा जताया है। भदोही विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव में रवींद्र नाथ त्रिपाठी को 79,515 मत मिले थे जबकि सपा के जाहिद बेग को 74,414 वोट मिले थे। इस प्रकार भाजपा के रवींद्रनाथ त्रिपाठी को 1,105 मत से जीत मिली थी। इसी प्रकार औराई सुरक्षित सीट से भाजपा के दीनानाथ भास्कर को 83,325 जबकि सपा की मधुबाला पासी को 63,546 मत मिले थे। इस प्रकार 19,779 मत से जीते थे। पार्टी ने एक बार फिर दोनों विधायकों पर दांव लगाया है।