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यूपी पालीटेक्निक प्रवेश परीक्षा से पहले विद्यार्थियों को झटका, 5 हजार सीटें घटीं

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. प्राविधिक शिक्षा विभाग की लापरवाही का खामियाजा पालीटेक्निक के विद्यार्थियों को भुगतना पड़ेगा। लखनऊ समेत प्रदेश की 19 सहायता प्राप्त संस्थानों में आध से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त होने से अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने पांच सीटें कम कर दी हैं। ऐसे में प्रवेश को लेकर विद्यार्थियों को अधिक मशक्त करनी पड़ेगी। लखनऊ की दो संस्थानों समेत प्रदेश की 19 सहायता प्राप्त पालीटेक्निक संस्थानों की द्वितीय पाली में प्रवेश नहीं होंगे।

ऐसा न होने से करीब पांच हजार सीटें कम हो जाएंगी। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद की ओर इस महीने के अंत तक प्रवेश प्रक्रिया को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। इस बार 1.42 लाख सीटों के सापेक्ष चार लाख के करीब अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होते हैं। संस्थाओं में प्रवेश क्षमता के मुकाबले शिक्षकों की संख्या कम होने के बाद अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने पिछले वर्ष नवंबर माह में रिपोर्ट मांगी थी।

रिपोर्ट के आधार पर सहायता प्राप्त संस्थाओं की द्वितीय पाली पर रोक लगा दी थी। इसके विरुद्ध संस्थानों से अपना पक्ष भी रखने को कहा गया था। 30 जनवरी को संस्था के प्रधानाचार्यों की ओर से अपना पक्ष रखा गया जिसके आधार पर अब फैसला होना है। सूत्रों के मुताबिक तकनीकी शिक्षा परिषद ने संस्थाओं के पक्ष को खारिज कर दिया है। अगस्त से शुरू होने वाले नए सत्र से द्वितीय पाली में प्रवेश नहीं होंगे। प्रवेश पर रोक से करीब पांच हजार सीटें कम हो जाएंगी। 

संस्थानों पर एक नजर 

सरकारी संस्थाएं        154

निजी संस्थाएं           1127

सहायता प्राप्त             19

कोर्स                         60

सीटें                 1.42500

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने प्रवेश पर रोक लगा दी है। दुबारा अपील की गई, लेकिन शिक्षकों की कमी बरकरार है। ऐसे में प्रवेश नहीं होंगे। हालांकि अंतिम फैसला तकनीकी शिक्षा परिषद को करना है। -एसके सोनकर, सचिव, प्राविधिक शिक्षा परिषद

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