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अपर्णा, स्वाति, रीता, दयाशंकरः BJP के कई दिग्गजों के अरमान टूटे

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. भाजपा ने मंगलवार की रात 17 और प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी। इसमें राजधानी लखनऊ की सभी सीटों से प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया गया। इस सूची ने कई दिग्गजों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। लखनऊ की सीटों से कई नामी-गिरानी चेहरे दावेदार थे। यहां तक की लखनऊ की सरोजनी नगर से विधायक और मंत्री बनीं स्वाति सिंह का भी टिकट काट दिया गया है। पिछले दिनों स्वाति सिंह और उनके पति दयाशंकर सिंह के बीच टिकट को लेकर रार की खबरें आई थीं। भाजपा ने दोनों को ही टिकट नहीं दिया है।

स्वाति सिंह की जगह सरोजनी नगर से पूर्व ईडी अफसर राजेश्वर सिंह को मैदान में उतारा गया है। राजेश्वर सिंह को तीन दिन पहले ही वीआरएस की अनुमति मिली थी। इसके बाद उन्होंने भाजपा ज्वाइन की और टिकट मिल गया है।

स्वाति सिंह की तरह अपर्णा यादव और रीता बहुगुणा जोशी की उम्मीदों पर भी पानी फिर गया है। सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को लखनऊ कैंट से दावेदार माना जा रहा था। उन्होंने एक दिन पहले ही अखिलेश के खिलाफ करहल से भी उतरने की इच्छा जताई थी। इसके बाद भी न तो उन्हें करहल से उतारा गया और न ही लखनऊ पूर्व का टिकट मिल सका है। 

भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी के हाथ भी निराशा हाथ लगी है। रीता जोशी अपने बेटे के लिए लखनऊ पूर्व की सीट मांग रही थीं। उन्होंने तो बेटे को टिकट के लिए सांसदी तक की सीट छोड़ने की इच्छा जता दी थी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र भी लिख दिया था। इसके बाद भी बीजेपी ने उनके बेटे को टिकट नहीं दिया है। 

असीम अरुण के बाद दूसरे अफसर को टिकट

लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से स्वाति सिंह का टिकट काटकर ईडी के संयुक्त निदेशक रहे राजेश्वर सिंह को टिकट दिया गया है। कानपुर के पूर्व पुलिस आयुक्त असीम अरुण के बाद राजेश्वर सिंह दूसरे अफसर हैं जिसे बीजेपी ने टिकट दिया है। असीम अरुण को कुछ दिन पहले कन्नौज (सदर) सीट से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है।

राजेश्वर सिंह बड़े नौकरशाही परिवार से हैं और खुद 1996 बैच के प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) अधिकारी हैं। उन्होंने 2007 में ईडी में प्रतिनियुक्ति ली थी। उन्होंने यूपी पुलिस में 10 साल और ईडी में लगभग 14 साल तक सेवा की। वह जबरन वसूली रैकेट में शामिल कई अपराध सिंडिकेट का भंडाफोड़ करने के लिए जाना जाता था। 

ईडी में उन्होंने एयरसेल-मैक्सिस सौदा घोटाला, अगस्ता-वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा, अमरपाली घोटाला, गोमती रिवर फ्रंट घोटाला जैसे महत्वपूर्ण मामलों को संभाला। इस दौरान उन्होंने अपराधियों की 4000 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की। उनकी पत्नी लक्ष्मी सिंह आईपीएस अधिकारी हैं और लखनऊ रेंज में आईजी के पद पर तैनात हैं।

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