अखिलेश यादव के दांव ने BJP के इस सीट पर बिगाड़े समीकरण, जानें किससे होगा मुकाबला
गाजीपुर न्यूज़ टीम, आजमगढ़. बसपा का दामन छोड़ सपा में शामिल हुए पूर्व विधानमंडल दल के नेता व मुबारकपुर के विधायक शाह आलम उर्फ़ गुड्डू जमाली की उम्मीदों पर पानी फिर गया है. जहां पार्टी में शामिल होने के बाद टिकट का दावा कर रहे शाह आलम को टिकट न देकर पार्टी हाईकमान ने पूर्व प्रत्याशी अखिलेश यादव पर भरोसा जताया है. तो वहीं सगड़ी विधानसभा में जातीय समीकरण को देखते हुए डॉ. एचएन पटेल को प्रत्याशी घोषित किया गया है. अखिलेश के इस दांव ने भाजपा के सामने संकट खड़ा कर दिया है. इसका कारण यह कि बसपा से निष्कासित वंदना सिंह के सहारे भाजपा कमल खिलाने का सपना देख रही थी, लेकिन डॉ. एचएन पटेल की उम्मीदवारी से भाजपा प्रत्याशी के सामने अब तगड़ी चुनौती होगी.
शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली की गिनती बसपा के कद्दावर नेताओं में होती थी. रामअचल राजभर के निष्कासन के बाद मायावती ने जमाली को विधानमंडल का नेता बनाया था, लेकिन पिछले दिनों जमाली बसपा छोड़ दिये थे. इसके बाद उन्होंने अखिलेश यादव से मुलाकात कर मुबारकपुर से टिकट की दावेदारी शुरू कर दी थी. चुंकि जमाली वर्ष 2012 और 2017 में लगातार मुबारकपुर से विधायक चुने गए थे, इसलिए उम्मीद थी कि उन्हें आसानी से टिकट मिल जाएगा.
वहीं दूसरी तरफ यह सीट प्रसपा मुखिया शिवपाल यादव अपने करीबी नेता रामदर्शन यादव के लिए मांग रहे थे, लेकिन सभी की दावेदारी को दरकिनार कर पार्टी ने अखिलेश यादव को प्रत्याशी बना दिया है. वहीं दूसरी तरफ सपा ने सगड़ी में डा. एचएन पटेल को मैदान में उतार दिया है. डॉ एचएन पटेल मऊ जनपद में जाने माने सर्जन हैं और कुर्मी समाज में इनका अच्छा खासा प्रभाव है. शायद इसी वजह से अखिलेश ने एचएन पटेल पर दांव लगाया है. अखिलेश के इस फैसले ने भाजपा प्रत्याशी वंदना सिंह के सामने संकट खड़ा कर दिया है.
कारण कुर्मी समाज लोग इस सीट पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं. 2012 के विधानसभा चुनाव में भी इस सीट पर सपा जातीय समीकरण के आधार पर कामयाबी हासिल की थी. ऐसे में सपा के इस फैसले के बाद बसपा, सपा और भाजपा के बीच त्रिकोंणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. वहीं अबतक जिले की दस सीटों में से सपा ने नौ सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिया है.
अब केवल मेंहनगर सीट पर प्रत्याशी की घोषणा बाकी है. मेंहनगर में भी सपा में टिकट को लेकर भारी घमासान है. यहां वर्तमान विधायक के साथ ही पूर्व विधायक बृजलाल सोनकर, बसपा छोड़कर आईं पूर्व मंत्री विद्या चौधरी टिकट मांग रही हैं. यहां प्रत्याशी का चयन पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है.