अखिलेश यादव का ऐलान, मंदिर में काम करने वाले पुजारियों को देंगे मानदेय
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मंगलवार को कई ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधियों ने भेंट किया और उन्हें अपने समर्थन का भरोसा दिलाया। उन्होंने अखिलेश यादव को उनकी बातें धैर्य से सुनने और मांग पत्र में दी गई मांगों को पूरा करने का आश्वासन देने के लिए धन्यवाद दिया।
विधायक विनय तिवारी के नेतृत्व में पहुंचे ब्राह्मण संगठनों ने मांग पत्र में कहा है कि भगवान परशुराम की जयंती पर पूर्व में दिए गए सार्वजनिक अवकाश को पुनः बहाल किया जाए। ब्राह्मण आयोग का गठन हो। ब्राह्मण एवं ब्राह्मण हितों पर हो रहे कुठाराघात को रोका जाए। संस्कृत, कर्मकांड, ज्योतिष की शिक्षक को प्रोत्साहित किया जाए। केन्द्र सरकार द्वारा सवर्णों को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण का उचित अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। गरीब सवर्णों को भी सभी जरूरी सुविधाएं दी जाए। मंदिर में कार्यरत पुजारियों को जीवन यापन भत्ता दिया जाए। परशुराम जन्मस्थली का सौन्दयीकरण एवं उसको तीर्थस्थल घोषित किया जाए। लखनऊ के किसी एक प्रमुख चौराहे को परशुराम चौक के रूप में नामित कर विकसित किया जाए। ब्राह्मण समाज का उत्पीड़न बंद किया जाए तथा ब्राह्मण बेटी खुशी दुबे को रिहा कर उस पर लगे झूठे मुकदमों को वापस लिया जाए।
अखिलेश यादव ने ब्राह्मण संगठनों के प्रतिनिधिमण्डल को आश्वासन दिया कि समाजवादी सरकार बनने पर संस्कृत शिक्षकों का सम्मान होगा। मंदिरों का संरक्षण होगा। काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारियों सहित मंदिरों के अन्य पुजारियों को भी मानदेय दिया जाएगा। रामायण के कलाकारों को भी मानदेय देंगे। श्रवण यात्रा फिर शुरू होगी। ब्राह्मणों सहित सभी पर लगे फर्जी मुकदमें वापस लिए जाएंगे। समाजवादी सरकार बनने पर पुरोहितों को भी मानदेय देंगे।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी सरकार में तीर्थ स्थलों के विकास के साथ संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहित किया गया था। पूर्व की समाजवादी सरकार में संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी को 30 करोड़ की मदद दी गई थी। परशुराम जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था। भेंट करने वाले ब्राह्मण प्रतिनिधियों में विधायक विनय शंकर तिवारी, विप्र एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष मित्रेश चतुर्वेदी, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा (ब्रह्म समर्पित) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नानक चंद्र शर्मा, महामंत्री ब्राह्मण संघ हरीश शर्मा, ओम ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनंजय द्विवेदी, ब्राह्मण परिषद के अध्यक्ष के.पी. शर्मा सहित सर्वश्री ब्रह्मदेव शर्मा, अशोक पाण्डेय, डॉ0 साधना मिश्रा, सुधांशु पाठक, प्रवीण शर्मा, गौतम आदि शामिल थे।