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ताड़ीघाट-मऊ रेल परियोजना के लिए 350 करोड़ मंजूर - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. आम बजट में ताड़ीघाट-मऊ रेल परियोजना के लिए 350 करोड़ रुपये मंजूर हुआ है। इससे प्रथम चरण के 14 किमी लंबी सोनवल से गाजीपुर सिटी और घाट स्टेशन तक के कार्य को काफी गति मिलेगी। परियोजना के प्रथम चरण को इस साल दिसंबर तक पूरा किया जाना है।

साल 2016 में पीएम मोदी के हाथों परियोजना का शुभारंभ हुआ था। इस परियोजना के कार्य के दौरान छह बजट पेश हुए हैं। इस दौरान कुल 1100 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। कार्यदायी संस्था का कहना है कि विगत वर्षों में करीब 75 फीसदी काम हो चुका है। इस साल के अंत तक शेष बचे कार्यों को भी पूरा कर लिया जाएगा। गंगा पुल पर करीब 412 करोड़ की लागत से एक हजार पच्चास मीटर लंबा रेल सह सड़क पुल का भी लगभग हो चुका है। इसमें कुछ ही काम बचा है।

इसके अलावा पुल के दोनों तरफ एप्रोच का भी अधिकांश काम हो चुका है। इसमें सभी 72 पीलरों का निर्माण पहले होने के साथ 35 पीलरों पर गार्डर लांचिग और 16 पर स्पैन के ढलाई का काम पूरा कर लिया गया है। वहीं, सोनवल और शहर स्थित घाट स्टेशन पर बन रहे नये रेलवे स्टेशन का 25 फीसदी काम किया जा चुका है। दोनों जगहों के प्लेटफार्म कर मिट्टी भराई और इमारत का कुछ काम बचा है। निर्माणाधीन इन प्लेटफार्मों पर स्लीपर, ट्रैक के अलावा पेयजल, शौचालय, यात्रियों को बैठने के लिए कुर्सी सहित एक से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए फुट ओवर ब्रिज का काम हो रहा है।

ऐसे ही मेदिनीपुर की तरफ रेल सह सड़क पुल के मुख्य पीलर और रेलवे ट्रैक के लिए मिट्टी के बेड का काम होने के साथ उसकी सुरक्षा के लिए बोल्डर पिंचिग का काम अंतिम चरण में है। रेल परियोजना के काम से क्षेत्र के लोगों में काफी उत्साह है।

प्रधानमंत्री ने 2016 में रखी थी आधारशीला

2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनते ही तत्कालीन सांसद और रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने रेल सह सड़क परियोजन की पहल शुरू कर दी। वर्ष 2016 में मंत्रिमंडल ने 51 किमी लंबी ताडीघाट मऊ रेल परियोजना को हरी झंडी दी। करीब 1766 करोड़ की इस परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जाना है। 14 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिला मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में इसकी आधारशीला रखी थी।

वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में परियोजना के लिए 350 करोड़ मंजूर किया गया है। इससे परियोजना को और गति मिलेगी। परियोजना को पूरा करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कराया जा रहा है।-विकास चंद्रा, मुख्य परियोजना प्रबंधक आरवीएनएल

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