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मुख्तार अंसारी और कृष्णानंद राय परिवार की सियासी अदावत के 25 साल, गाजीपुर में वचर्स्‍व की चुनौती

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. मुख्तार अंसारी के गृह सीट मुहम्मदाबाद विधानसभा पर एक बार फिर मुख्तार अंसारी और कृष्णानंद राय का परिवार आमने-सामने है। बेशक, दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ कभी चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन एक दूसरे को सियासी साम्राज्य को खत्म करने के लिए कोई कसर भी नहीं छोड़ी। परिवारों के बीच यह सियासी अदावत पिछले 25 साल से चली आ रही है।

आजादी के बाद सृजित मुहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र पर सबसे पहले कांग्रेस से कुंडेसर के विजयशंकर ङ्क्षसह ने परचम फहराया था। इसके बाद एक साथ हुए विधानसभा व लोकसभा चुनाव जीतकर कम्युनिस्ट नेता सरयू पांडेय ने रिकार्ड बनाया। 1985 में मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी सीपीआइ से मैदान में उतरे और जीत हासिल की। वह करीब 17 साल यहां से विधायक रहे। उनका वचस्र्व तोड़ा कृष्णानंद राय ने और 2002 में भाजपा के बैनर तले चुनाव जीत गए। 

29 नवंबर 2005 को उनकी हत्या हो गई। इसके बाद उनकी राजनीतिक विरासत को पत्नी अलका राय ने संभाला। उपचुनाव जीतकर वह विधायक बनीं। उपचुनाव में उनके प्रति सहानुभूति देखकर अंसारी बंधु की ओर से किसी ने चुनाव नहीं लड़ा। एक साल बाद 2007 में चुनाव हुए तो अफजाल के बजाय उनका भाई सिबगतुल्लाह अंसारी ने राजनीति में पर्दापण किया। 

वह चुनाव जीते और 2012 के चुनाव में सीट अपने पास बरकरार रखी। हालांकि 2012 में अलका राय को भाजपा ने टिकट नहीं दिया था। 2017 के चुनाव में अलका राय ने सिबगतुल्लाह को पटखनी देकर सीट भाजपा की झोली में डाल दी। इस चुनाव में भी भाजपा ने अलका राय पर भरोसा जताया है तो सिबगतुल्लाह ने नामांकन के बाद नाम वापस लेकर बेटे सुहेब अंसारी को सपा के बैनर तले मैदान में उतारा है।

वचर्स्‍व की जंग

वर्ष 2017

नाम पार्टी मत

अलका राय भाजपा 1,21732

सिबगतुल्लाह अंसारी बसपा 89429

वर्ष 2007

सिबगतुल्लाह अंसारी सपा 56360

अलका राय भाजपा 5297

वर्ष 2002

कृष्णानंद राय भाजपा 61049

अफजाल अंसारी सपा 53277

वर्ष 1996

नाम पार्टी वोट

अफजाल अंसारी सपा 63,468

वीरेंद्र राय बसपा 43866

कृष्णानंद राय भाजपा 39290

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