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वाराणसी में बंजर जमीन पर 2.19 करोड़ मुआवजा लेने वाली महिला गिरफ्तार

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. वाराणसी में बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज के सहारे बंजर जमीन पर नाम चढ़वाने और मुआवजा लेने के मामले में मिर्जामुराद पुलिस ने आरोपित महिला मुखा देवी पत्नी स्व.कोले को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपित ने मोहनसराय-प्रयागराज (एनएच-19) पर बंजर जमीन पर फर्जी तरीके से नाम चढ़वाकर (29-बी) 2.19 करोड़ मुआवजा ले लिया है। चकबंदी लेखपाल ने तीन मार्च को मिर्जामुराद थाने में पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था, तभी से पुलिस आरोपितों की तलाश कर रही है। जिला प्रशासन आरोपितों से मुआवजा वापस लेने की कोशिश में है।

राजातालाब तहसील के परगना कसवार राजा में मोहनसराय-प्रयागराज (एनएच-19) के पास 80 एकड़ बंजर जमीन है। उक्त जमीन में से पांच एकड़ जमीन को लेकर कोले बनाम ग्रामसभा की सुनवाई करते हुए डिप्टी कलेक्टर माल ने पांच मार्च-1968 को कोले यादव के खिलाफ फैसला सुनाया। साथ ही अभिलेखों में सरकारी जमीन दर्ज करने का निर्देश दिया लेकिन कर्मियों ने नहीं किया। उक्त आदेश के खिलाफ कोले यादव मंडलायुक्त के यहां अपील की लेकिन यहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली। उनके अपील को तत्कालीन मंडलायुक्त ने 24 जून-989 को खारिज कर दिया। डिप्टी कलेक्टर का आदेश प्रभावी रहा।

इस बीच उक्त जमीन को लेकर कोले समेत अन्य लोगों ने तत्कालीन बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी पुनीत शुक्ला (वर्ष 2009) के कोर्ट में अपील की। यहां भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली और विपक्षी के आवेदन को निरस्त करते हुए बंजर जमीन घोषित कर दिया था। डीडीसी के यहां भी अपील स्वीकार नहीं की गई। कोले यादव की मृत्यु के बाद लेखपाल ने उनके पुत्र कमलेश यादव, बृजेश यादव, राजेश यादव, अखिलेश यादव व धाधेश्वर यादव तथा उनके पत्नी को वारिस घोषित करते हुए रिपोर्ट लगा दी। उस आधार पर पत्नी और सभी पुत्रों का नाम चढऩे के साथ 2.19 करोड़ रुपये मुआवजा ले लिया।

अपर मुख्य सचिव ने बैठाई थी जांच

फर्जीवाड़ा और बंजर जमीन पर मुआवजा लेने का मामला अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार के पास पहुंचा तो उन्होंने जांच बैठा दी। प्राथमिक जांच में बंदोस्ती अधिकारी चकबंदी की संलिप्तता सामने आई है। डीएम के निर्देश एडीएम सिटी ने जिला शासकीय अधिवक्ता राजस्व को प्रपत्रों को निकालने के साथ कोर्ट में वाद दाखिल करने को कहा है जिससे मुआवजा राशि को वापस लिया जा सके।

मुआवजा वापस लेने की कार्रवाई चल रही है

बंजर जमीन पर काश्तकारों का नाम निरस्त करने के साथ सरकारी संपत्ति घोषित कर दिया गया है। मुआवजा वापस लेने की कार्रवाई चल रही है।-अशोक वर्मा, जिला शासकीय अधिवक्ता राजस्व

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