अप्रैल महीने से गंगा पाथवे पर फर्राटा भरेंगी गाड़ियां, जानें कहां से कहां तक निर्माण हो रहा पूरा
गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. राजधानी पटना के दो हिस्सों दीघा और दीदारगंज को जोड़ने वाली बहुप्रतीक्षित गंगा पाथवे के पहले चरण का निर्माण कार्य मार्च के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। अप्रैल के महीने से गंगा पाथवे पर वाहनों का परिचालन प्रारंभ हो जाएगा जो कि दीघा से एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट तक विस्तृत है। यह परियोजना का पहला चरण है। शुक्रवार से बिटुमिनियस वर्क (कालीकरण) का काम शुरू कर दिया गया है।
अशोक राजपथ पर ट्रैफिक जाम से मिलेगा निजात
इसके चालू हो जाने से अशोक राजपथ के पश्चिमी हिस्से और शहर के मुख्य क्षेत्र में ट्रैफिक लोड में भारी कमी आएगी। साथ ही पटना से बाहर विशेष तौर पर उत्तर के जिलों से राजधानी पटना में आने पर लोगों को बहुत आसानी होगी। वहीं, दीघा से दीदारगंज के बीच इस सड़क का संपूर्ण हिस्सा फरवरी 2024 तक परिचालन के लिए तैयार हो जाएगा। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने शुक्रवार को गंगा पथ के निर्माणाधीन हिस्से का निरीक्षण किया।
पाथवे का आधा हिस्सा होगा एलिवेटेड
पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि गंगा पथ की पूरी योजना 20.5 किमी लंबी है। इसमें 11.7 किमी हिस्सा एलिवेटेड पथ का है। इसकी कुल लागत 3390 करोड़ रुपए है। इस प्रोजेक्ट पर राज्य सरकार द्वारा 1390 करोड़ रुपए का व्यय किया जा रहा। शेष 2000 करोड़ रुपए का ऋण हुडको से लिया गया है। उन्होंने बताया कि गंगा पथ का निर्माण तीन हिस्सों में हो रहा। पहला हिस्सा दीघा से दुल्ली घाट तक 13.256 किमी का है। दूसरा हिस्सा दुल्ली घाट सेे नुरुद्दीन घाट तथा तीसरा नुरुद्दीन घाट से धर्मशाला घाट तक का है। इसके अतिरिक्त इस पथ के 7.40 वें किमी पर पीएमसीएच को गंगा पथ से जोड़ा जाना है।
दीघा से एएन सिन्हा तक होगा चालू
बता दें कि 20.5 किमी लम्बे इस पथ को एलसीटी। घाट, एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट, कृष्णा घाट, गाय घाट, कंगन घाट और पटना घाट से अशोक राजपथ से मिलाया जाएगा। गंगा पथ के पूर्ण निर्माण के प्रथम चरण में दीघा रॉटरी से एएन सिन्हा तक चालू किया जाना है।