सपा और सुभासपा में घोषणा पत्र पर बनी सहमति, पूर्वांचल में घर-घर होगा प्रचार
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का पारा चरम पर है। सत्ता के सिंहासन को हासिल करने के लिए हर राजनीतिक पार्टी हर हथकंडा अपना रही है। जीत के लिए अपनी कोशिशों में कोई कमी नहीं रखना चाहती हैं। यूपी की सत्ता के संघर्ष में निर्णायक साबित भूमिका निभाने वाले पूर्वांचल में अपना परचम लहराने की चाह सभी की है।
गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में उतरीं समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) भी इसके महत्व को बखूबी जान रहे हैं। पूर्वांचल के दस जिलों की 61 विधानसभा सीटों में से ज्यादा से ज्यादा अपनी झोली में डालने के लिए योजना भी तैयार कर लिया है। इसके तहत पार्टी कार्यकर्ता घर-घर जाकर पार्टी का एजेंडा बतएंगे। दोनों पार्टियों के बीच संयुक्त घोषणा पत्र को लेकर सहमति बन चुकी है। यह जानकारी सुभासपा के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने दी ट्वीट कर दी है।
सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने इंटरनेट मीडिया पर बताया है कि अखिलेश यादव के साथ उनकी मुलाकात हुई है। उनसे घोषणा पत्र और डोर टू डोर कैम्पेन के बारे में बात की है। कोरोना की वजह से चुनाव आयोग ने चुनावी रैली और जनसभा पर रोक लगा दिया है। वर्चुअल रैली की ही इजाजत दी गयी है। इसकी वजह से मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाना पार्टियों के लिए आसान नहीं है। इसे समझते हुए सपा व सुभासपा ने डोर टू डोर कैंपेन की योजना बनायी है। इसके तहत पार्टी कार्यकर्ता हर मतदाता तक पहुंचेंगे। उन्हें गठबंधन के घोषणा पत्र के बारे में बताएंगे। इसके लिए सपा व सुभासपा बाकायदा योजनाबद्ध तरीके से काम करेंगी।
पूर्वांचल है बेहद महत्वपूर्ण : उत्तर प्रदेश की राजनीति में पूर्वांचल के दस जिलों की 61 विधानसभा सीटें बेहद महत्वपूर्ण हैं। वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, आजमगढ़, बलिया, मऊ, मीरजापुर, सोनभद्र और भदोही समेत पूर्वांचल के दस जनपदों की सीटों पर अपना प्रभाव बनाने वालों के लिए सत्ता की राह आसान हो जाती है।
इसलिए हर राजनीतिक पार्टी इनमें से ज्यादा से ज्यादा सीटों को अपनी झोली में डालना चाहती हैं। कई पार्टियों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है सपा ने अपने प्रमुख सहयोगी दल सुभासपा के साथ पूर्वांचल जीतने की योजना पर काम कर रही है। भाजपा ने भी पूर्वांचल को केन्द्र में रखकर अपनी चुनावी रणनीति तैयार की है। बसपा और कांग्रेस भी पूर्वांचल के महत्व को समझकर चुनावी तैयारी में लगी हैं।