बनारस और गाजीपुर में TET परीक्षा से वंचित अभ्यर्थियों का हंगामा, परीक्षा रद करने की उठाई मांग
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर/वाराणसी. यूपी टीइटी की परीक्षा रविवार को कई केंद्रों पर शांतिपूर्ण तो कई जगहों पर हंगामेदार रही। वाराणसी के रामनगर और गाजीपुर के नंदगंज में अभ्यर्थियों द्वारा हंगामा करने का मामला सामने आने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए। गाजीपुर जिले में अभ्यर्थियों ने डीएम आवास पर धरना प्रदर्शन करते हुए परीक्षा रद करने की मांग की।
वाराणसी में टीइटी की परीक्षा देने के लिए रामनगर स्थित राधा किशोरी बालिका राजकीय इण्टर कालेज पहुंचे परीक्षार्थियों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ हंगामा किया, छात्रों का आरोप था कि जिस प्रवेश पत्र के आधार पर पिछले बार परीक्षा दिया जा रहा था वही प्रवेश पत्र यहां मान्य नहीं हो रहा है। वहीं कुछ ऐसे भी परीक्षार्थी थे जो साढ़े नौ बजे के बजाय दो मिनट देर से पहुंचे तो उन्हें परीक्षा के लिए एंट्री नहीं दी गई। इस दौरान परीक्षार्थी रोते बिलखते रहे, मिन्नतें करते रहे, लेकिन किसी पर कोई असर नहीं हुआ। मायूस परीक्षार्थियों ने मुख्यमंत्री सहित अधिकारियों से उक्त सेंटर की परीक्षा निरस्त पर परीक्षा फिर से कराने की मांग करते हुए प्रदर्शन भी किया। इस दौरान आक्रोशित अभ्यर्थियों को समझाने के लिए चौकी प्रभारी कस्बा दयाशंकर भी पहुंचे और उनसे वापस लौटने की अपील की।
गाजीपुर में डीएम आवास पर प्रदर्शन
गाजीपुर जिले के 68 केंद्रों पर सुबह पहली पाली में टीईटी शुरु हो गई। कड़े नियम के चलते सैकड़ों अभ्यर्थियों की परीक्षा छूट गई। सुबह 10 बजे से शुरु हुई परीक्षा के लिए कई केंद्रों पर 9.30 बजे ही गेट बंद कर दिया गया। रास्ता भटकते या साधन न मिलने से देर से पहुंचे अभ्यर्थियों को कई केंद्रों पर साढ़े नौ बजे के बाद घुसने नहीं दिया गया।
इससे नाराज अभ्यर्थी डीएम आवास पहुंच गए और परीक्षा में बैठाने की मांग की। शहीद स्मारक इंटर कालेज नंदगंज में 100 अभ्यर्थी और महराजगंज ज्योति इंटर कालेज में 50 अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित हो गए। अभ्यर्थियों का आरोप था कि पहली बार 9.30 पर ही इंट्री बंद कर दी गयी, जो घोर अन्याय है।
वहीं कई केंद्रों पर सैकड़ों अभ्यर्थियों को इसलिए परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया कि उनके द्वारा इंटरनेट से डाउनलोड किए गए बीटीसी का अंंक पत्र राजपत्रित अधिकारी से प्रमाणित नहीं थे। इसके चलते राजकीय सिटी इंटर कालेज में चंदौली से आए अभ्यर्थी नीलेश सिंह के साथ दर्जन भर अभ्यर्थियों को अंदर लेने के बाद फिर बाहर कर दिया गया, इससे वह निराश लौट गए। जबकि कई केंद्रों पर प्रमाणित न होने के बाद भी परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी गई। इस दोहरे मापदंड को लेकर अभ्यर्थियों में आक्रोश है। सभी केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। जोनल के सेक्टर मजिस्ट्रेट चक्रमण कर रहे हैं। कोरोना प्रोटोकाल का पालन किया जा रहा है.