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विरोध के बाद रेलवे ने एनटीपीसी व ग्रुप डी भर्ती पर लगाई रोक,बनाई समिति

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. परीक्षार्थियों के विरोध-प्रदर्शन के बाद रेलवे ने एनटीपीसी और ग्रुप डी (श्रेणी-1) की परीक्षाएं स्थगित कर दीं हैं। रेलवे ने प्रदर्शनकारी परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच के लिए एक समिति बनाई है। ये समिति विरोधी छात्रों की आपत्तियां सुनेगी और इन पर विचार करने के बाद अपनी रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंपेगी। गौरतलब है कि रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी (एनटीपीसी) परीक्षा के रिजल्ट के खिलाफ अभ्यर्थी पिछले तीन दिन से विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। ये विरोध तब और बढ़ गया जब रेलवे ने सोमवार को ग्रुप डी भर्ती में सीबीटी दो चरणों में लेने की घोषणा की। 

बिहार और यूपी में दोनों परीक्षाओं के अभ्यर्थियों ने जमकर बवाल किया। स्टेशनों पर हंगामा और तोड़फोड़ की। सड़कें जाम कीं। ट्रेन में भी आग लगा दी गई। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी अभ्यर्थियों ने एनटीपीसी रिजल्ट और ग्रुप डी भर्ती में सीबीटी-2 लेने के फैसले के खिलाफ आंदोलन चला रखा है। रेल मंत्री और पीएम मोदी को टैग करके लगातार ट्विटर पर हैश टैग #no_cbt_2_in_group_d , #GroupD ,  #RRBNTPC_REVISE_RESULTDO  , #RRBNTPC के साथ ट्वीट किए जा रहे हैं।

गुस्साए अभ्यर्थियों ने आज किया था देशव्यापी रेल रोको आंदोलन का ऐलान

गुस्साए अभ्यर्थियों ने 26 जनवरी 2022 को एक विशाल आंदोलन करने का ऐलान किया था। रेल रोको आंदोलन को देशव्यापी बनाने के लिए मैसेज को ज्यादा से ज्यादा अभ्यर्थियों के पास भेजा जा रहा था। अभ्यर्थियों ने इस आंदोलन के माध्यम से एनटीपीसी रिजल्ट में संशोधन, आरआरबी ग्रुप डी की परीक्षा से सीबीटी-2 हटाने की मांग और रेलवे भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जारी करने सहित अन्य मुद्दों पर रेल चक्का जाम करने का फैसला किया था।

इस वजह से है एनटीपीसी रिजल्ट के खिलाफ आक्रोश

आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा के रिजल्ट निकालने के तरीके को लेकर भी अभ्यर्थियों में काफी आक्रोश है। इनकी मांग है कि 7 लाख रोल नंबर की बजाय 7 लाख अभ्यर्थियों को पास किया जाए। यानी 20 गुना यूनिक रोल नंबर के साथ रिजल्ट जारी किया जाए। रिजल्ट में संशोधन की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने सोमवार को पटना में राजेंद्र नगर टर्मिनल पर जमकर बवाल भी काटा। अभ्यर्थियों ने नई दिल्ली-हावड़ा रेल खंड पर करीब आठ घंटे तक ट्रेनों का परिचालन रोके रखा। हालांकि युवाओं के ऐतराज पर रेलवे सफाई दे चुका है। रेलवे भर्ती बोर्ड का कहना है कि कानूनी तौर पर एक अभ्यर्थी को एक से ज्यादा पदों के लिए आवेदन करने से रोका नहीं जा सकता।

14 जनवरी को रेलवे भर्ती बोर्ड ने नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी (एनटीपीसी) के 35000 पदों पर भर्ती के लिए हुई परीक्षा (सीबीटी-1) का रिजल्ट जारी किया था। इसमें 7,05,446 अभ्यर्थियों को सीबीटी-2 के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि पहले एक पद के लिए 10 प्रत्याशी, अब 10 पद के लिए एक प्रत्याशी है। कुछ उम्मीदवारों को एक से अधिक लेवल पर सफल क्यों घोषित किया गया। 

क्यों हैं ग्रुप डी भर्ती को लेकर गुस्सा

रेलवे भर्ती बोर्ड ने सोमवार को नोटिस जारी कर ऐलान किया कि ग्रुप डी भर्ती परीक्षा में सीबीटी-2 की भी परीक्षा होगी। सीबीटी-1 में पास होने वाले अभ्यर्थियों को सीबीटी-2 देना होगा। सीबीटी-2 के बाद पीईटी व मेडिकल होगा। जबकि अभी तक अभ्यर्थी यह समझ रहे थे कि सीबीटी-1 में पास होने के बाद उन्हें पीईटी देना होगा। हालांकि रेलवे ने 2019 में जारी ग्रुप डी भर्ती (लेवल-1) के नोटिफिकेशन में यह साफ लिखा था कि सीबीटी (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) सिंगल स्टेज में करवाना है या फिर मल्टी स्टेज में, यह तय करने का अधिकार रेलवे प्रशासन के पास रहेगा। 

अब रेलवे ने नोटिस जारी कर यह स्पष्ट कर दिया है कि ज्यादा आवेदनों के चलते सीबीटी दो चरणों में कराए जाएंगे। इस परीक्षा के लिए लगभग एक करोड़ 17 लाख छात्रों ने आवेदन किया है। इसके माध्यम से एक लाख 3 हजार पदों को भरना है। इसकी परीक्षा 23 फरवरी से शुरू होनी है। सोशल मीडिया पर ग्रुप डी अभ्यर्थियों का कहना है कि भर्ती निकलने के तीन साल बाद परीक्षा आयोजित की जा रही है। अगर अब सीबीटी-2 भी होगा तो नियुक्ति मिलने में बहुत ज्यादा समय लग जाएगा। अब सीबीटी-2 कराया जाना गलत है।

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