अब निराअब निराश्रित पशु किसानों को नहीं करेंगे परेशान, नोडल अधिकारी खोजेंगे समाधान
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. यूपी इलेक्शन 2022 को देखते हुए निराश्रित पशुओं के मुद्दे ने जोर पकड़ लिया है। किसानों की नाराजगी से सरकार भी वाकिफ है। ऐसे में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा है कि सभी नोडल अधिकारी अगले सप्ताह जिलों के निरीक्षण पर निकलें। 31 जनवरी से चार फरवरी के मध्य आवंटित जिलों का दो दिन तक भ्रमण करें। इस दौरान पूरी संवेदनशीलता के साथ निराश्रित पशुओं के संरक्षण, धान खरीद व कोविड वैक्सीनेशन की प्रगति की समीक्षा के साथ स्थलीय निरीक्षण भी करें। ताकि किसानों के फसलों की बर्बादी न हो।
मुख्य सचिव ने शुक्रवार को संवेदनशील 31 जिलों में निराश्रित पशुओं के संरक्षण, धान खरीद तथा कोविड वैक्सीनेशन की समीक्षा व स्थलीय निरीक्षण के लिए तैनात नोडल अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की। उन्होंने कहा कि कुछ जिलों से शिकायतें आ रही हैं कि निराश्रित पशु फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, किसानों को शीतलहर में फसलों को बचाने के लिए खेतों में सोना पड़़ रहा है। उन्होंने यह भी कहाकि प्रदेश में 5500 से अधिक गो आश्रय केंद्र बनाये गए हैं, जहां पर निराश्रित पशुओं को रखा गया है। जनवरी में हीे 15 दिन के विशेष अभियान में डेढ़ लाख से अधिक निराश्रित पशुओं को आश्रय केंद्रों में पहुंचाया गया है। कुछ दिन पहले ही गौ आश्रय केंद्रों की व्यवस्थाओं के लिए 100 करोड़ रुपये की धनराशि जारी की गई है, इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है।
उन्होंने कहा कि सहभागिता योजना के लक्ष्य को दोगुना कर दिया गया है, कोई भी किसान चार गायें ले सकता है। गर्भवती महिला व कुपोषित परिवार दुधारू गाय ले सकता है और प्रति गाय 900 रुपये प्रतिमाह उसके भरण-पोषण के लिए सरकार देती है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे जिलाधिकारी को अपने भ्रमण की सूचना समय से दे दें। जिलों में जाकर जिलाधिकारियों से गौ आश्रय स्थलों की सूची, धान क्रय केंद्रों व वैक्सीनेशन केंद्रों की सूची जरूर लें।
नोडल अधिकारी भ्रमण पर देखें कि कहीं पर निराश्रित पशु तो नहीं दिख रहे हैं, ग्रामवासियों से भी फीडबैक प्राप्त करें। गौ आश्रय केंद्रों में जाकर चारा, भूसा, पानी, अलाव व इलाज आदि की व्यवस्थाओं का बारीकी से सत्यापन करें तथा यदि कहीं पर व्यवस्थाओं में कोई कमी या निराश्रित की शिकायतें सही मिलें तो तत्काल शासन को रिपोर्ट करें। व्यवस्थाओं में कमी पाये जाने पर उत्तरदायित्व का निर्धारण किया जाएगा व दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने धान क्रय केंद्रों का भी निरीक्षण करने के निर्देश देते हुए कहा कि निरीक्षण में देखें कि कहीं पर घटतौली तो नहीं हो रही है, खरीद सिर्फ टोकन/पंजीकरण से हो रही है और किसानों को अपना धान बेचने में कोई परेशानी तो नहीं हो रही है। मुख्य सचिव ने नोडल अधिकारियों को निराश्रित गौ आश्रय केंद्रों, धान खरीद केंद्रों के साथ ही कोविड-19 वैक्सीनेशन की भी समीक्षा करने व रैंडम आधार पर वैक्सीनेशन केंद्रों का निरीक्षण करने के निर्देश दिये। बैठक में अपर मुख्य सचिव कार्यक्रम क्रियान्वयन सुरेश चंद्रा, प्रमुख सचिव पशुपालन सुधीर गर्ग आदि उपस्थित थे।