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सपा कार्यालय में अखिलेश की रैली पर चुनाव आयोग लाल, थाना इंचार्ज सस्‍पेंड

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. समाजवादी पार्टी (सपा) मुख्यालय में कोविड नियमों और आचार संहिता के उल्‍लंघन को चुनाव आयोग ने सख्‍ती से लिया है। EC के निर्देश पर महामारी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। लखनऊ के गौतम पल्ली थाना में धारा 144 के उल्लंघन का भी केस दर्ज किया गया है। चुनाव आयोग ने गौतम पल्‍ली थाने के प्रभारी दिनेश सिंह विष्ट को 'कर्तव्यों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरतने' के चलते तत्‍काल प्रभाव से निलंबत कर दिया है। आयोग ने सहायक पुलिस आयुक्त अखिलेश सिंह और रिटर्निंग ऑफिसर (174-लखनऊ मध्य विधान सभा क्षेत्र) अपर नगर मजिस्ट्रेट-प्रथम गोविन्द मौर्य से शनिवार सुबह 11 बजे तक स्‍पष्‍टीकरण भी मांगा है।

सपा कार्यालय में उमड़ी भीड़, केस दर्ज

सपा कार्यालय में शुक्रवार को भारी भीड़ उमड़ने पर पार्टी के ढाई हजार कार्यकर्ताओं पर गौतमपल्ली थाने में केस दर्ज हुआ है। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि आपदा प्रबंधन व महामारी अधिनियम समेत छह धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई। सूत्रों के मुताबिक अफसरों की एक टीम मौके पर गई तो वहां कोविड नियमों का उल्लंघन हो रहा था। विक्रमादित्य मार्ग पर वाहन खड़ा करने से रास्ता भी रुक गया था।

बिना मास्‍क घूम रहे थे लोग

सपा ऑफिस में बीजेपी के बागी कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या, धर्म सिंह सैनी सहित कई नेताओं ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। इन नेताओं ने अपनी ताकत का एहसास कराने के लिए हजारों की भीड़ जुटाई। वहां कार्यालय परिसर से लेकर बाहर मुख्य सड़क तक भीड़ जमा हो गई थी। कोरोना प्रोटोकाल को ताक पर रखकर छोटी रैली आयोजित की गई। इस दौरान मंच पर अखिलेश यादव तथा स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ ही अन्य काफी लोग बिना मास्क के थे। इतना ही नहीं सपा कार्यालय में बड़ी तादाद में लोग बिना मास्क लगाए टहल रहे थे।

सीएम पहले ही गोरखपुर चले गए

भाजपा में सेंधमारी से उत्साहित सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी कार्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि 80% लोग पहले ही सपा गठबंधन के साथ थे, अब बचे 20% भी भाजपा के खिलाफ हो गए। सरकार को पहले ही पता था कि लोग बड़ी संख्या में सपा में आ रहे हैं। इसलिए सीएम पहले ही गोरखपुर चल गए। हालांकि उनकी किसी ने 11 मार्च की टिकट बुक करवाई थी। अखिलेश ने कहा कि आज साइकल का हैंडल ठीक है। दोनों पहिए भी ठीक हैं। पैडल चलाने वाले नौजवान भी बहुत हैं। इस बार साइकल को कोई रोक नहीं पाएगा। कुछ लोग कह रहे हैं यह सेमीफाइनल है, मैं कहता हूं यह फाइनल चुनाव है। सोच रहा हूं कि एक नेता जिनको अभी तक स्टूल मिलता था, अब उनका क्या होगा?

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