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इस तकनीक से हो रहा लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण, दोगुनी गति से समाप्त होगा कार्य

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. एनएचएआई अब 3डी ऑटोमेटेड मशीन गाइडेंस मॉडल का उपयोग कर लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण करेगा. जिससे निर्माण की गति लगभग दोगुनी हो जाएगी. वहीं केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी बुधवार को यानी 5 जनवरी को 4200 करोड़ रुपए के लागत से बन रहे इस एक्सप्रेस वे की आधारशिला रखेंगे. लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस वे का निर्माण 2023 तक पूरा करने का टार्गेट रखा गया है.

बता दें कि आगामी सौ सालों में बढ़ने वाले ट्रैफिक के दबाव को ध्यान में रखकर एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है. शहीद पथ से शुरू होकर बनी, कांठा व अमरसास को जोड़ने वाला एक्सप्रेस-वे कानपुर के निकट एनएच-27 के जंक्शन को कनेक्ट करेगा. 63 किमी एलीवेटेड रूट पर प्रमुख रूप से दो पुल बनाए जाएंगे और छोटे पुल करीब 26 होंगे. पैदल चलने के लिए 22 अंडर पास बनाए जाएंगे. वहीं उन्नाव में टोल प्लाजा बनाया जाएगा.

4200 करोड़ की लागत से बन रहे कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे की डिजाइन आठ लेन के हिसाब से तैयार की जा रही है. एक्सप्रेस-वे की सड़क छह लेन की होगी, लेकिन फ्लाईओवर के स्ट्रक्चर आठ लेन के होंगे. शहीद पथ लखनऊ से बनी तक सेंट्रल डिवाइडर पर सिंगल पिलर पर छह लेन एलीवेटेड रोड बनेगा, इसके बाद बनी से उन्नाव होते हुए आजाद चौराहा तक रोड 6 लेन होगी. एक्सप्रेस-वे को गंगा बैराज मार्ग, उन्नाव-लालगंज हाइवे और कानपुर में बनने वाले आउटर रिंग रोड से भी जोड़ा जाएगा.

इसके बन जाने से यात्री कानपुर से लखनऊ के बीच 62 किलोमीटर का सफर महज 45 मिनट में पूरा कर पाएंगे. एक्सप्रेस-वे के लिए एनएचएआइ ने 400 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण कर ली है. रक्षा मंत्री व सांसद राजनाथ सिंह के ड्रीम प्रोजेक्टों में शामिल लखनऊ कानपुर एक्सप्रेस का निर्माण 2023 तक पूरा करने का टार्गेट रखा गया है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद लखनऊ जाने वाले लोगों को सहूलियत मिलेगी.

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