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रेलवे ने दिल्‍ली और बिहार के बीच चलने वाली कई ट्रेनें रद की, देखें पूरी लिस्‍ट

गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. दिल्ली से भागलपुर बिहार आने वाली सभी एक्सप्रेस ट्रेनें 19 जनवरी को रद रहेगी। विक्रमशिला, फरक्का, गरीब रथ व ब्रह्मपुत्र मेल के परिचालन रद रहने के कारण दिल्ली से भागलपुर सहित इस रूट के विभिन्न जगह आने वाले यात्रियों के लिए मुसीबत बन गई है। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार कोहरे की संभावना को देखते हुए इन ट्रेनों को दिल्ली में रद करने का निर्णय लिया गया है।

दिसंबर 2021 में ही ट्रेनों के रद करने की घोषणा की गई थी। दिसंबर से फरवरी तक के लिए अलग-अलग दिनों में रद रहने के बाद भी अबतक कोई न कोई एक ट्रेन दिल्ली से चलती रही है। ट्रेनों को रद करने का जो शिड्यूल बनाया गया था, तब इस बात का अनुमान नहीं लगाया जा सका था कि ऐसी भी परिस्थिति आ सकती है जब एक साथ सभी ट्रेनें रद हो सकती है। लेकिन, 19 जनवरी को ऐसी स्थिति बन गई है।

दिल्ली से आने वाली सभी ट्रेनें रद्द रहेगी। विक्रमशिला डाउन एक्सप्रेस (12368) हर बुधवार व शुक्रवार को नहीं चलती है। यह 25 फरवरी तक नहीं चलेगी। डाउन गरीब रथ एक्सप्रेस (22406) भी हर बुधवार को 23 फरवरी तक नहीं चलेगी। डाउन विक्रमशिला डाउन एक्सप्रेस हर बुधवार व शुक्रवार को नहीं चलती है, तो बाकी दिनों के लिए कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा। गरीब रथ एक्सप्रेस का भी कमोवश यही हाल है। यह ट्रेन सप्ताह में तीन दिन ही दिल्ली से चला करती है और इसमें भी एक दिन रदनरहती है। वहीं ब्रह्मपुत्र मेल पूरी तरह से दो मार्च तक और सप्ताह में दो दिन चलने वाली नई दिल्ली-मालदा टाउन एक्सप्रेस (14004) एक्सप्रेस 27 फरवरी तक के लिए रद है।

कोरोना को लेकर अलर्ट मोड पर रेलवे हेल्थ यूनिट

कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए रेलवे हेल्थ यूनिट अलर्ट मोड पर है। रेलवे का यह अस्पताल तीसरी लहर से लड़ने के लिए आवश्यक दवाओं, ऑक्सिजन और अन्य उपकरणों की जांच शुरू कर दी है। किसी भी तरह की कमी से बचने के लिए अस्पताल में दवाइयों को स्टाक किया जा रहा है। यह वही उपकरण है, जो कोरोना अस्पताल के बंद होने पर हेल्थ यूनिट में शिफ्ट कर दिया गया था। मालदा रेल मंडल ने उपकरणों की जांच कर उसे तैयार रखने के लिए कहा है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उसका उपयोग किया जा सके।

इधर, हेल्थ कर्मी का मानना है कि अब सिलेंडर व दवाइयों की जरूरत नहीं पड़ सकती है। इसलिए कि कोरोना संक्रमित चार-पर दिनों में ही निगेटिव हो जा रहे हैं। दस से अधिक रेलकर्मियों की जांच रिपोर्ट पाजिटिव आई है और चार-पांच दिनों में सभी ठीक भी हो गए। दूसरी लहर में 14 दिनों का होम क्वांरटाइन होना पड़ता था। आक्सीजन की जरूरत पड़ने लगी थी। इस बार ऐसी स्थिति नहीं बन रही है। इस वजह से कोविड अस्पताल को भी पुन: खोलने की जरूरत अबतक नहीं पड़ी है।

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