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हैलो...5 लाख दो वरना जेल भेजवा दूंगी, लोगों को ऐसे ठग रहा महिलाओं का गिरोह

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. गोरखपुर शहर में ऐसा गिरोह सक्रिय है, जो लोगों को दुष्कर्म के मामले में फंसाकर रुपये ऐंठ रहा है। गैंग की महिलाएं मास्टरमाइंड के इशारे पर तहरीर देती हैं और रुपये मिलते ही चुप हो जाती हैं। एक बार जो चंगुल में फंसा, उससे तब तक वसूली होती है जब तक वह मना न कर दे। ऐसे ही एक मामले में गीडा पुलिस ने पीडि़त परिवार की बहू की तहरीर पर एक महिला, दो अज्ञात व्यक्ति और दो मोबाइल नंबर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

बेकसूरों को दुष्कर्म के मामले में फंसाकर रुपये ऐंठने वाला गिरोह सक्रिय

हालिया प्रकरण गीडा के 68 वर्षीय बुजुर्ग व्यापारी का है, जिन पर छह महीने में ही दुष्कर्म के पांच वाद दाखिल हो गए। अंजली, पानमती, शीला, सुशीला जैसे काल्पनिक नामों से दाखिल सभी वादों में आरोप एक ही था कि व्यापारी ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनके साथ दुष्कर्म किया। बेइज्जती और कानूनी झंझट से बचने के लिए व्यापारी ने जब तक रुपये दिए, तब तक मामला कचहरी से ही निपटता रहा। जब मना किया तो व्यापारी ही नहीं, उनके दो बेटों पर भी दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस ने विवेचना शुरू की तो शीला, सुशीला जैसे काल्पनिक नामों वाली महिलाएं दर्ज पते पर मिली ही नहीं। पुलिस ने दो मुकदमों में अंतिम रिपोर्ट (एफआर) लगाकर व्यापारी और उनके बेटों को क्लीनचिट दे दी। व्यापारी और उनके बेटों पर अब पांचवां मुकदमा भी दर्ज हो गया है, जिसकी विवेचना जारी है। यह गिरोह ऐसे लोगों को निशाना बनाता है, जो उन्हें चुपचाप रकम दे सकते हैैं। व्यापारी अकेले नहीं हैं, इनके जैसे दर्जनों परिवार इस गिरोह के चंगुल में फंसकर तड़प रहे हैं।

व्यापारी की बहू ने दर्ज कराया मुकदमा

खोराबार इलाके में रहने वाले व्यापारी की बहू ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में प्रकीर्णवाद दाखिल किया था। उसने बताया कि चार माह पूर्व एक महिला ने उनके ससुर के पास फोन कर मुकदमा दर्ज कराने की जानकारी दी। कहा कि मेरे सहयोगी को रुपये देकर समझौता कर लो। ससुर ने थाने में पता किया तो मुकदमे की बात सही मिली। इसके बाद लगातार दो मोबाइल नंबर से पांच लाख रुपये देकर समझौता करने के लिए दबाव बनाया जाने लगा। अनजान लोग भी ससुर से मिलकर पांच लाख रुपये में समझौता न करने पर पूरे परिवार को दुष्कर्म के मामलेे में मुकदमा दर्ज करा जेल भेजने की धमकी देने लगे। व्यापारी की बहू की शिकायत पर सीजेएम कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद मुकदमा दर्ज हो गया है।

पहले दो वाद अदालत से खारिज

अंजली और पानमती के नाम से नवंबर, 2020 में दो अलग-अलग वाद दाखिल हुए। दोनों में नौकरी दिलाने के नाम पर दुष्कर्म का आरोप था। गिरोह के संपर्क करने पर व्यापारी ने बेइज्जती के डर से समझौता कर लिया। रुपये मिलने के बाद चार पेशियों पर अंजली पहुंची न पानमती। नतीजा, दोनों वाद खारिज हो गए।

तीसरे-चौथे मुकदमे में एफआर

दो बार रुपये ऐंठ चुके गिरोह ने फिर रुपये मांगे। मना करने पर व्यापारी के खिलाफ शीला और सुशीला के नाम से तीसरा व चौथा वाद दाखिल हुआ। मुकदमा दर्ज करने का भी आदेश हो गया। पुलिस तक मामला पहुंचने पर घबराए व्यापारी परिवार को फिर समझौता करना पड़ा। विवेचना में वादी महिलाएं मिलीं न घर। पुलिस ने व्यापारी को क्लीन चिट देते हुए एफआर लगा दी।

पांचवें वाद की विवेचना जारी

चार बार रुपये ऐंठने के बाद गिरोह ने व्यापारी व उनके दो पुत्रों पर दुष्कर्म व कुकर्म के आरोप में पांचवां वाद दाखिल किया। फोन कर पैसे मांगे। इसकी विवेचना चल रही है।

ऐसे ब्लैकमेल करता है गिरोह

गिरोह की महिला के नाम से न्यायालय में दुष्कर्म का वाद दाखिल किया जाता है। फिर संबंधित व्यक्ति को फोन पर दावा दाखिल होने की सूचना देकर समझौते की पेशकश की जाती है। व्यक्ति ने रुपये दे दिए तो ठीक, वरना मुकदमा दर्ज कराने के लिए न्यायालय में पैरवी तेज हो जाती है। पुलिस से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद गिरोह के सदस्य पुलिस बनकर पूछताछ का रुआब दिखाते हैैं। थाने से पता करने पर व्यक्ति को मामला सही मिलता है। अधिकांश मामलों में इतने में ही समझौता हो जाता है। अन्यथा, रुपये नहीं देने वाले के खिलाफ गैंग की महिला बयान दर्ज करा देती है और मुकदमा दर्ज करने का आदेश हो जाता है।

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