गोरखपुर रिंग रोड होगा सिक्स लेन, गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे का डीपीआर बनना शुरू
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. नया साल सौगात लेकर आया है। अभी पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे पर काम चल ही रहा है। साथ ही गोरखपुर-सिलीगुड़ी तथा गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस वे की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बननी भी शुरू हो गई है। इसके साथ ही गोरखपुर-लखनऊ फोरलेन को सिक्स लेन में बदलने की प्रक्रिया चल रही है। यह योजना लखनऊ से लेकर गोरखपुर के 10 किलोमीटर पहले कालेसर तक थी। इसे बढ़ाकर जगदीशपुर तक कर दिया गया है। नए साल में डीपीआर तैयार हो जाएगी और इन योजनाओं को स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। इससे दूरियां कम होंगी और राह सुगम हो जाएगी।
कालेसर-जगदीशपुर सड़क भी बनेगी सिक्स लेन
कालेसर से लेकर जगदीशपुर तक फोरलेन सड़क (गोरखपुर बाईपास) भी सिक्स लेन बनाई जाएगी। इसके बनने के साथ ही देवरिया बाइपास सिक्टौर में सिक्सलेन से जुड़ जाएगा। इससे बाघागाढ़ा व कालेसर की तरफ से आ रहे सिक्टौर, इंजीनियरिंग कालेज, दिव्य नगर, मालवीय नगर आदि के नागरिक शहर में प्रवेश नहीं करेंगे, वे सीधे सिक्स लेन पकड़कर सिक्टौर चले जाएंगे और वहां से देवरिया बाइपास होते हुए अपने घर जा सकेंगे। इससे शहर का जाम कम होगा। लखनऊ से गोरखपुर के कालेसर तक फोरलेन को सिक्स लेन करने का निर्णय पूर्व में हो चुका है। कालेसर से लेकर जगदीशपुर तक 32 किलोमीटर फोरलेन इस योजना से वंचित था। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर इस बची हुई दूरी को भी सिक्सलेन योजना में शामिल करा लिया है। इसकी डीपीआर बननी भी शुरू हो गई है।
रिंग रोड ऐसे हुआ फोर से सिक्स लेन
एचएचएआइ के परियोजना निदेशक सीएम द्विवेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ क्षेत्र के विकास को लेकर प्रतिबद्ध हैं। पहले लखनऊ से लेकर कालेसर तक ही सिक्स लेन का प्रस्ताव बना था। मुख्यमंत्री से मिलकर अनुरोध किया गया कि इसे जगदीशपुर तक बढ़ा दिया जाए। उन्होंने प्रयास कर कालेसर से लेकर जगदीशपुर तक की सड़क को भी सिक्स लेन योजना में शामिल करा लिया है। उन्होंने बताया कि डीपीआर तैयार होने के बाद शासन में प्रस्ताव स्वीकृति के लिए जाएगा। स्वीकृति मिलने के बाद जहां जरूरी होगी जमीन अधिग्रहित की जाएगी। किसानों को मुआवजा देने के बाद निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। इससे गोरखपुर व आसपास के लोगों की राह आसान हो जाएगी।
नेपाल सीमा से होकर गुजरेगा गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस वे
शामली तक एक्सप्रेस वे निर्माण के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का काम शुरू हो गया है। अभी तय किया जा रहा है कि इस एक्सप्रेस वे को पीपीगंज व कैंपियरगंज के बीच से निकाला जाए या सोनौली में फोरलेन से जोड़ा जाए। ज्यादा संभावना है कि यह एक्सप्रेस वे सोनौली से शुरू होकर नेपाल सीमा से होते हुए शामली तक जाएगा। इसकी दूरी लगभग पांच सौ किलोमीटर होगी। अंबाला से शामली तक लगभग 110 किलोमीटर एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू हो चुका है, जिसे पूरा करने का लक्ष्य 2024 है। इसी एक्सप्रेस वे शामली एक्सप्रेस वे को जोड़ा जाएगा। इसके बन जाने से गाेरखपुर से अंबाला की दूरी लगभग तीन सौ किलोमीटर कम हो जाएगी। अभी लोगों को एक हजार किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ती है। गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस वे पंजाब नार्ड ईस्ट कारीडोर का हिस्सा है। यदि यह पीपीगंज व कैंपियरगंज के बीच से निकलता है तो इसके बन जाने से संत कबीर नगर, बस्ती व सिद्धार्थनगर जनपद पहली बार एक्सप्रेस से जुड़ेंगे। यह पूर्वांचल का तीसरा एक्सप्रेस वे होगा।
पीडब्लूडी ने दी थी एनएच 730 को चौड़ा करने की सलाह
पीडब्लूडी ने नेशनल हाईवे (एनएच) 730 जो नेपाल सीमा से सिद्धार्थनगर होते हुए निकलता है। शामली एक्सप्रेस के लिए पीडब्लूडी ने इसी हाइवे को चौड़ा करने की सलाह दी थी। लेकिन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने इसे खारिज कर दिया। उसका कहना था कि एक्सप्रेस वे हमेशा ग्रीन फील्ड से होकर गुजरता है। किसी सड़क को चौड़ा करके एक्सप्रेस वे नहीं बनाया जाता है।
गोरखपुर में कुसम्ही के पास जगदीशपुर फोरलेन से जुड़ेगा एक्सप्रेस वे
एनएचएआइ के परियोजना निदेशक सीएम द्विवेदी ने बताया कि गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस वे की डीपीआर बनाने का काम शुरू हो चुका है। ज्यादा संभावना है कि इसे नेपाल सीमा से होकर निकाला जाएगा। इसके अलावा गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 519 किलाेमीटर एक्सप्रेस की भी डीपीआर तैयार हो रही है। यह एक्सप्रेस वे कुसम्ही के पास जगदीशपुर फोरलेन से जुड़ेगा।