गाजीपुर में किल्लत और बिहार जा रही यूरिया - Ghazipur News
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. धान के कटोरा के नाम से विख्यात तहसील क्षेत्र से इन दिनों यूरिया खाद ट्रेन से बिहार को जा रही है और क्षेत्र का किसान यूरिया के लिए परेशान हैं। स्थानीय स्टेशन से मेमो पैसेंजर ट्रेन से प्रतिदिन 100 से 150 बोरी यूरिया जा रही है। कुछ बड़े व्यवसायियों का नेटवर्क यूरिया की कालाबाजारी कर उसे सीमावर्ती बिहार में भेजने में जुटा हुआ है।
स्थानीय स्टेशन बाजार स्थित रासायनिक खाद की दुकानों से बड़े पैमाने पर यूरिया खाद की कालाबाजारी हो रही है। इन दिनों गेंहू, जौ सहित दलहनी फसलों में छिड़काव के लिए यूरिया की मांग बढ़ गई है। ऐसे में दुकानदार खाद की मांग बढ़ते देख मुनाफा कमाने में जुटे हैं। कालाबाजारी रोकने के लिए पीओएस मशीन के माध्यम से दुकानदारों को खाद बेचने का निर्देश है, लेकिन इसका पालन नहीं हो रहा है। सुबह बिहार से आने वाली मेमो पैसेंजर ट्रेन से बड़ी संख्या में लोग स्टेशन बाजार आ रहे हैं। वे यहां से यूरिया खरीदकर वापस बिहार जाने वाली मेमो ट्रेन में यूरिया खाद लादकर ले जा रहे हैं।
यह सिलसिला एक सप्ताह से जारी है। बिहार प्रांत के बनाही निवासी जनार्दन राम, सिकरिया निवासी पप्पू व संजीत तथा बनाही निवासी निराला, बक्सर के राहुल व नंद कुमार ने बताया कि स्टेशन बाजार के प्राइवेट दुकान से यूरिया खरीदकर गांव ले जाकर खेत में छिड़काव किया जा रहा है। बिहार में यूरिया खाद की किल्लत से खाद खरीदकर ट्रेन से ले जाना पड़ रहा है। हालांकि खाद की कीमत किसान बता नहीं रहे हैं। एसडीएम भारत भार्गव ने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी।
बैरंग लौटे किसान
साधन सहकारी समिति बघरी पर सोमवार को खाद लेने पहुंचे क्षेत्र में सैकड़ों किसान नहीं मिलने पर लौट गए। हरबल्लमपुर के किसान ब्रह्मदेव, हरिनारायण व अनिल कुमार तथा दरौली के राजेंद्र कुमार, रामपुर गांव के मुख्तार, गिरजा तथा बुढाडीह के श्रीकांत यादव ने बताया कि खाद लेने के लिए क्षेत्र के साधन सहकारी समितियों पर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। कहीं खाद उपलब्ध नहीं है तो कहीं खाद होते हुए भी समिति के संचालक किसानों की भीड़ देख केंद्र में ताला लगा कर मौके से गायब हो जा रहे हैं। सचिव संदीप कुशवाहा से संपर्क किया गया तो उनका फोन स्विच आफ मिला। बोतलबंद नैनो यूरिया लेने में किसान नहीं दिखा रहे रुचि
दुल्लहपुर में यूरिया की किल्लत से जूझ रहे किसान बोतलबंद नैनो यूरिया लेने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। क्षेत्र के साधन सहकारी संघ व समितियों पर बोतलबंद नैनो यूरिया तो उपलब्ध है। किसानों का कहना है कि बोतलबंद नैनो यूरिया प्रयोग करने के लिए मशीन की आवश्यकता है,जो कि सभी किसानों के पास उपलब्ध नहीं है।
साधन सहकारी संघ बद्धूपुर पर वर्तमान में दो हजार बोतलबंद नैनो यूरिया उपलब्ध है। सचिव रामविलास दुबे ने बताया कि नकद खाद बिक्री केंद्र पर वर्तमान में इफ्को की तीन हजार बोतल नैनो यूरिया में मात्र एक हजार बोतल ही बिक पाया है। बताया कि छिड़काव करने की दस मशीन भी उपलब्ध है।