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गाजीपुर में बारिश के साथ गिरे ओले, सब्जी के पौधों को नुकसान

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. कई दिन से उमड़-घुमड़ रहे बादल बुधवार की दोपहर बरसने लगे। सदर, जंगीपुर व करंडा आदि क्षेत्रों में आधा घंटे तक जमकर पानी गिरा, कई जगह पानी के साथ ओले भी गिरे। इससे गेहूं की फसल को तो लाभ हुआ लेकिन सब्जियों के पौधों को नुकसान पहुंचा। यदि अधिक बारिश हुई तो गेहूं सहित आलू की फसलों को भी क्षति पहुंचेगी।

बारिश से इधर ठंड भी बढ़ गई और कच्चे रास्तों पर चलना मुश्किल हो गया। पीजी कालेज स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के डा. कपिल ने बताया कि हम लोगों का पू्र्वानुमान थोड़ा गलत हो गया। हालांकि आगे और तेज बारिश होने की संभावना नहीं है। इससे गेहूं व दलहन फसलों को लाभ है, लेकिन आलू व सब्जी आदि के पौधों को नुकसान होगा।

नष्ट हो गईं कच्ची ईंटे

बिरनो थाना क्षेत्र के गांवों में बुधवार की शाम भारी बारिश के साथ ओले पड़े। इससे गेहूं,चना,मटर, आलू व सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। बारिश से ईंट भट्ठा पर पथाई किए हुए ईंट पूरी तरह से नष्ट हो गए। इससे भट्ठा मालिकों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ।

पिछड़ जाएगी बोआई

भांवरकोल क्षेत्र में दोपहर बाद मौसम का मिजाज बिगड़ा और शाम होते होते हल्की बूंदाबांदी भी हुई। पिछले दिनों हुई बूंदाबांदी की अपेक्षा अब फसलों को ज्यादा नुकसान होगा। सरसों में लाही, मटर व टमाटर की फलियों को नुकसान होने के अलावा पहले बोई गई दलहनों चना, मसूर को भी नुकसान होने की संभावना बढ़ गई है। जिन खेतों की बोआई अभी नहीं हो सकी है, वह और पिछड़ेगी।

करंडा क्षेत्र में मूसलाधार बरसात के साथ कई जगह जमकर ओले भी गिरे। मैनपुर चट्टी के पास मटर के दाने से थोड़े बड़े ओले काफी मात्रा में गिरे। वहीं से चार किमी दूर घूरन बजार चट्टी पर भी मटर के दाने से छोटे ओले भी कुछ देर के लिए आंशिक मात्रा में गिरे।

कासिमाबाद क्षेत्र में बरसात के साथ ओले भी पड़े। कासिमाबाद बाजार के पास मटर के दाने आकार के ओले गिरने से मौसम ज्यादा ठंडा हो गया।

फसल क्षति का दावा 72 घंटे के अंदर करें किसान

गाजीपुर जिले में बुधवार को हुई बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की फसल को नुकसान होने की संभावना है। इसमें जिन किसानों की फसल को नुकासान हुआ है, उन्हें अपनी फसल का बीमा दावा 72 घंटे के अंदर करना होगा। दावा करने के बाद संयुक्त टीम फसल क्षति का सर्वे करेगी।

जिला कृषि अधिकारी मृत्युंजय कुमार सिंह ने बताया कि किसान अपना दावा पत्र विकास खंड राजकीय कृषि बीज भंडार, उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी कार्यालय, जनपद स्तर पर जिला कृषि अधिकारी व उप कृषि निदेशक कार्यालय अथवा तहसील स्तरीय बीमा कंपनी के प्रतिनिधि में से किसी एक के पास जमा कर सकते हैं। इस पर संयुक्त टीम फसल क्षति का सर्वे कर क्षतिपूर्ति देने की कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए फसल बीमा कंपनी के लिए टोल-फ्री नंबर 1800-889-6868 1800-2660-700 व क्राप-इंश्योरेंस एप के माध्यम से दावा प्रस्तुत किया जा सकता है।

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