Today Breaking News

बसपा की पहली सूची में 17% ब्राह्मण तो 26% मुस्लिमों को टिकट, पार्टी ने 34% दलित उम्मीदवारों पर जताया भरोसा

गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ. बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवारों की पहली सूची में सामाजिक समीकरण को साधने का पूरा प्रयास स्पष्ट तौर पर दिख रहा है। पार्टी ने पहले चरण के चुनाव के लिए 53 उम्मीदवारों के नाम जारी किए। पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 58 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। इन सीटों को जीतने के लिए पार्टी की ओर से विशेष रूप से योजना तैयार की गई है। तमाम समीकरणों का ध्यान बसपा की सूची में रखा गया है।

बसपा की ओर से जारी की गई सूची में अल्पसंख्यक से लेकर ब्राह्मण उम्मीदवारों तक का पूरा ख्याल रखा गया है। पार्टी की ओर से जारी की गई सूची में करीब 17 फीसदी ब्राह्मणों को टिकट दिया गया है। वर्ष 2007 में जब बसपा सत्ता में आई थी तो करीब 25 फीसदी ब्राह्मण उम्मीदवारों को पार्टी ने टिकट दिए थे। इस बार ब्राह्मण मतदाताओं के भाजपा से नाराजगी की खबरें तो हैं। नाराज मतदाताओं को साधने का प्रयास करती बसपा प्रमुख मायावती दिखती हैं। उन्होंने पहली सूची में 9 ब्राह्मण उम्मीदवारों को टिकट दिया है।

अल्पसंख्यकों पर सबसे अधिक जोर

मायावती का सबसे अधिक जोर अल्पसंख्यक समुदाय को साधने पर दिख रहा है। इसलिए, वे दलित के बाद अल्पसंख्यकों को साधने में जुटी दिख रही हैं। मुसलमान वोटों पर अखिलेश यादव की भी नजर है। समाजवादी पार्टी भी समाज को जोड़ने में जुटी दिख रही है। मुस्लिम समाज का झुकाव भी सपा की ओर होने का दावा किया जा रहा है। मायावती अपने पुराने दलित+मुस्लिम+ब्राह्मण वोट बैंक की तरफ जाता हुआ दिख रही हैं। यह 14 मुस्लिम समाज के उम्मीदवारों से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है।

दलितों की पार्टी रही है बसपा

बसपा दलितों की पार्टी रही है। कांशीराम ने बहुजन समाज को अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए एक मंच दिया था। हालांकि, बाद में मायावती ने समीकरण बदला और पार्टी को बहुजन से सर्वजन तक लेकर गईं। 53 उम्मीदवारों में करीब 34 फीसदी दलित उम्मीदवार इस समीकरण को सामने लाते हैं। पार्टी ने 18 दलित समाज के उम्मीदवारों पर भरोसा जताया है। हालांकि, इस वोट बैंक पर मायावती अपना अधिकार हमेशा से मानती आई हैं। दलित समाज का वोट भी उन्हें हर चुनाव में मिलता रहा है।

जाट वोट बैंक को भी साधने की कोशिश

यूपी चुनाव में मायावती ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट मतदाताओं को साधने का भी पूरा प्रयास किया है। पार्टी की ओर से करीब 19 फीसदी जाट उम्मीदवार उतारे गए हैं। पार्टी ने 10 जाटों को टिकट दिया है। इस इलाके में जाट वोटरों की संख्या काफी ज्यादा है। माना जा रहा है कि ये मतदाता किसान आंदोलन के बाद भाजपा से नाराज हैं। बसपा अब उन्हें अपनी तरफ जोड़ना चाहती है। वहीं, गड़ेरिया वर्ग से भी दो उम्मीदवारों को उतार कर निचली जाति को सत्ता में भागीदारी का बड़ा संदेश देने की कोशिश की गई है।

'