शादियों का खूब मिला रहा मुहूर्त, फ़िलहाल कोरोना ही बजाएगा बैंड, कइयों की उम्मीदें क्वारंटाइन
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. भगवान भाष्कर के 14 जनवरी की रात मकर राशि में आने के साथ ही 15 जनवरी से उत्तरायण सूर्य में विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू हो गए। खास यह कि विवाह का प्रथम मुहूर्त 15 जनवरी को मिला तो यह क्रम बीच में एक माह के विराम के बीच नौ जुलाई तक चलेगा। ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी इसका कारण बताते हैैं। कहते है कि 19 फरवरी को सूर्य व गुरु की युति से देव गुरु बृहस्पति फागुन कृष्ण षष्ठी को दिन में 3.48 बजे अस्त हो जाएंगे।
अस्त के समय में ही फिर भगवान भास्कर का कुंभ राशि से मीन में प्रवेश 14-15 मार्च को 2.47 बजे रात से खरमास लग जाएगा। इसके बाद मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश 14 अप्रैल को दिन में 10.53 बजे के बाद होगा और खरमास की समाप्ति हो जाएगी और फिर विवाह आदि मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। वहीं आषाढ़ शुक्ल एकादशी हरिशयनी एकादशी पर दस जुलाई से भगवान श्रीहरि शयन के लिए क्षीर सागर में चार मास के लिए चले जाएंगे। चातुर्मास का प्रारंभ हो जाएगा जिससे फिर मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे।
लगन शुरू होने से शादी-विवाह को लेकर उत्साह का रंग चटख होने लगा है। लेकिन अभी भी कोरोना के असर की वजह से संख्या की बंदिशों को देखते हुए भोज-भात, पार्टी की जुटान सीमित की जा रही है। इसके लिए दोपहर और शाम की दो शिफ्ट बनाई जा रही। यही नहीं नाते-रिश्तेदारों को विवाह में तो दोस्तों-मित्रों व अन्य परिचितों को रिसेप्शन में बुलाने की योजना बनाई जा रही। एक ही दिन दोनों आयोजन करने पर दो शिफ्ट में अलग-अलग लोगों को बुलाया जा रहा है।
हालांकि, भव्यता के साथ ही समस्त शुभचिंतकों की जुटान की आकांक्षा रखने वालों ने शादियां कैंसिल कर दी है। हालांकि यह आंकड़ा 20 फीसद तक ही है। इससे लान वालों को नुकसान उठाना पड़ा है। कोरोना बंदिशों का ही परिणाम कह सकते हैैं कि बैैंड बाजा की दूसरी शिफ्ट कैंसिंल कर दी गई है। अब पहली शिफ्ट यानी शाम सात बजे बरात निकाल कर दस बजे से पहले जुटान वाले समस्त विधान पूरे करने पर जोर है।
थानेदार से लेनी होगी मांगलिक आयोजन की अनुमति
-वाराणसी के जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के अनुसार शादी समारोह व अन्य आयोजनोंकी अनुमति सम्बन्धित प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष से प्राप्त करनी होगी।
-अनुमति की शर्तों का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्ष के द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी-बन्द स्थानों पर हाल की क्षमता का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम 100 व्यक्तियों की संख्या अनुमन्य होगी।
- कार्यक्रमों में आमंत्रित अतिथियों को मास्क की अनिवार्यता, दो गज की दूरी, सेनेटाइजर का उपयोग एवं कोविड-19 प्रोटोकॉल के अनुसार अन्य सावधानियों के साथ अनुमति होगी।
-कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना प्रवेश द्वार पर की जायेगी।
ये हैं लगन मुहूर्त
जनवरी में दस: 15, 18, 19, 20, 21, 24, 25, 27, 28, 29
फरवरी में ग्यारह: 4, 5, 6, 9, 10, 11, 12, 16, 17, 18, 19
अप्रैल में दस : 14, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 27
मई में बीस: 2, 3, 4, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 19, 20, 21, 22, 24, 25, 26, 31
जून में अट्ठारह : 1, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13,14, 15, 16, 17, 21, 22, 23, 30
जुलाई में आठ: 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9