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...और फफक-फफक कर रो पड़ा सड़क पर सपरिवार बैठा BSF का जवान, जानें क्या है मामला

गाजीपुर न्यूज़ टीम, इटावा. ऐसे कुत्ते की तरह भगा रहे हैं, इधर जाओ… उधर जाओ, मैं एक जवान हूं. आप लोग यहां घर पर बैठे रहते हैं, मैं वहां बॉर्डर पर खड़ा रहता हूं सीना ताने, बिना गोली की परवाह किए. आप लोग मेरी आज कोई वैल्यू नहीं समझ रहे हो, क्या है प्रशासन, क्या कर रहा है प्रशासन, ये क्यों नहीं देख रही सरकार. विपक्षी, अपराधी मुझे धमका रहे हैं, कह रहे हैं, सबके ऊपर कफन डाल देंगे, सबको मौत के घाट उतार देंगे, सबको मार देंगे…

ये बेबसी के शब्द एक बीएसएफ जवान के हैं जो व्यवस्था से इतना परेशान हो चुका है कि अब रेलवे लाइन पर परिवार सहित जान देने की सोच रहा है. दरअसल त्रिपुरा में तैनात बीएसएफ जवान और उसके परिवार पर 31 दिसम्बर की रात को रामनगर नावली गांव में कुछ बदमाशों ने हमला बोल दिया था. इन बदमाशों ने सबसे साथ मारपीट की और पत्नी के कपड़े फाड़ दिए. साथ ही चेन लूट ले गए. इस मारपीट में जहां बीएसएफ जवान के सिर पर चोट लगी, वहीं उसके पिता का पैर टूट गया.

भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात बीएसएफ जवान ने जब बदमाशों की सूचना इकदिल पुलिस को दी तो पुलिस करीब एक घंटे बाद पहुंची. उसके बाद भी जवान की रिपोर्ट दो दिन तक दर्ज नहीं की. इसके उलट जब बदमाशों ने जवान के खिलाफ शिकायत की तो पुलिस ने तुरंत सुन लिया. जवान का कहना है कि जब पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की तो तहरीर पुलिस ने खुद लिखी और जबरन हस्ताक्षर करवाए. जवान का यह भी कहना है कि पुलिस बदमाशों से मिली हुई है और उसे ही धमका रही है.

रोक नहीं पाया आंसू

पुलिस के रवैये से परेशान होकर बीएसएफ जवान अपने पिता के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे और उसके बाद एसपी आॅफिस पहुंचे. लेकिन जब यहां भी उन्हें कोई संतुष्टीपूर्ण जवाब नहीं मिला तो उनका सब्र टूट गया. जवान परेशान होकर कहने लगा, ‘मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही है… कहां जाएं, किसके पास जाएं।आप कहो तो सबको लेकर रेलवे लाइन पर लेट जाऊं?’ इतना कहकर वह अपने आंसू नहीं रोक पाया और रो पड़ा. जवान की इस बेबसी और प्रशासन को रवैये को देखकर वहां मौजूद सभी लोग परेशान हो गए.

मेड़ को लेकर हुआ विवाद

उधर, इस मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि 31 दिसंबर को दोनों पक्षों में खेत की मेड़ को लेकर विवाद हुआ था. दिन में भी दोनों पक्षों में झगड़ा हुआ था. तब मामला शांत हो गया था लेकिन फिर रात में घटना सामने आई. वहीं, बीएसएफ जवान ने आरोप लगाया कि उनके परिवार के ऊपर विपक्षियों ने 15 मई 2021 को भी हमला किया था. उस समय उसने अपने कमांडेंट से पत्र लिखवाकर एसएसपी को भिजवाया था. बताया कि ये सभी लोग पंचायत चुनाव को लेकर मेरे परिवार से खुन्नस रखते हैं. मेड़ का तो सिर्फ बहाना है. बीएसएफ जवान और

दरअसल पीड़ित परिवार पहले कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठा था. इसके बाद बीएसएफ जवान ने अपने घायल पिता को एसपी आॅफिस के बाहर लेटा दिया. इस पर वहां हंगामा होने लगा और जवान को समझाने की कोशिश की जाने लगी. कुछ देर बाद थाना सिविल लाइन प्रभारी सुधीर कुमार सिंह पहुंचे और परिजनों से बात कर कार्रवाई का आश्वासन दिया.

पूरे प्रकरण को लेकर एसपी सिटी कपिल देव सिंह ने बताया कि मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद एफआईआर में और धाराएं बढ़ाईं जाएंगी. यदि धाराएं गिरफ्तारी वाली होंगी तो गिरफ्तारी भी की जाएगी. मामले की जांच करा रहे हैं, निर्दाेषों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. यदि हल्का इंचार्ज की भूमिका संदिग्ध होगी तो कार्रवाई की जाएगी.

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