भाजपा ने सभी जातियों के साथ आजमगढ़ और गाजीपुर में महिलाओं को भी दिया टिकट
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. भाजपा ने शुक्रवार को पूर्वांचल के चार जिलों की 15 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए। इसमें जहां पुराने मंत्री, विधायकों और प्रत्याशियों पर भरोसा किया गया है वहीं तीन महिलाओं को टिकट देकर आधी आबादी के प्रति प्रतिबद्धता जताई। पार्टी ने परंपरागत वोट क्षत्रिय, ब्राह्मण, गैर यादव पिछड़ा के साथ ही दलित आदि को साधने की भी कोशिश की है।
पूर्वांचल की करीब-करीब इन्ही सीटों पर सपा ने एक दिन पहले 22 प्रत्याशियों की घोषणा की थी। इसमें नौ यादव और चार मुस्लिम थे। एक मात्र चौकाने वाला निर्णय लेते हुए बलिया की बिल्थरारोड सीट से विधायक धनंजय कन्नौजिया का टिकट काटकर छट्टू राम को मौका दिया है।
पार्टी ने बलिया के फेफना से मंत्री उपेंद्र तिवारी और जौनपुर सदर के गिरीश चंद्र यादव को दोबारा मौका दिया है। इसी प्रकार जौनपुर के बदलापुर से विधायक रमेश चंद्र मिश्र, केराकत (सु.) से दिनेश चौधरी व जफराबाद से डाक्टर हरेंद्र प्रसाद सिंह, बलिया के सिकंदरपुर से संजय यादव, गाजीपुर की जमानियां से विधायक सुनीता सिंह पर पुन: भरोसा जताया है। आजमगढ़ से अखिलेश मिश्र व दीदारगंज से कृष्णमुरारी विश्वकर्मा जैसे कार्यकर्ता पर पार्टी ने दोबारा विश्वास जताया है।
भाजपा ने महिलाओं पर भी भरोसा किया है। जमानियां से सुनीता सिंह को मौका दिया है। उन्होंने पिछली बार सपा के कद्दावर नेता और मंत्री ओमप्रकाश सिंह को तीसरे नंबर पर ढकेल दिया था। लालगंज सुरक्षित से नीलम सोनकर व मेहनगर सुरक्षित से मंजू सरोज को मौका दिया है। नीलम पूर्व में सांसद और वर्तमान में भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। मंजू 2017 में सुभासपा की प्रत्याशी रहीं थीं लेकिन इस बार भाजपा का चेहरा बनी हैं। इस प्रकार पूर्वांचल में आधी आबादी को मौका देने में भाजपा ने दूसरों पर अब तक बढ़त हासिल की है।
सभी जातियों को साधने का प्रयास
पार्टी ने किसी जाति को बढ़ावा देने और किसी को नजरअंदाज करने का आरोप लगाने का मौका नहीं छोड़ा है। सपा के कोर वोट यादव से सर्वाधिक तीन गिरीश चंद्र यादव, संजय यादव व मनोज यादव को मौका दिया है। साथ ही अगड़ी जातियों में दो ब्राह्मण उपेंद्र तिवारी व रमेश चंद्र मिश्र और क्षत्रिय सुनीता सिंह व डा. हरेंद्र प्रसाद सिंह और भूमिहार वर्ग से आजमगढ़ की गोपालपुर सीट से सत्येंद्र राय को मौका दिया है। भाजपा ने 2017 में सुभासपा से गठबंधन किया था। सुभासपा इस बार भाजपा की बजाय सपा के साथ है। राजभरों को साधने के लिए पार्टी ने बलिया के रसड़ा से बब्बन राजभर को मौका दिया है। पिछड़ी जाति की बात करें तो तीन यादव के साथ, कृष्णमुरारी विश्वकर्मा को दीदारगंज से और बब्बन राजभर को मौका दिया है।