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बलिया का रसड़ा विधानसभा सीट : दो बार बसपा ने एक ही उम्मीदवार पर लगाया दांव, जीते

गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. विधानसभा चुनाव में रसड़ा सीट बलिया में गिनी जाती है जबकि लोकसभा चुनाव के दौरान यह घोसी का हिस्सा बन जाती है। वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा के घूरा राम ने जीत दर्ज की। 2012 में प्रदेश में सपा की सरकार बनी तब भी इस सीट पर बसपा का ही दबदबा कायम रहा। 

उमाशंकर सिंह ने सपा के सनातन पांडेय को 52825 रिकार्ड मतों हराकर जीत दर्ज की। 2017 के चुनाव में जब भाजपा की लहर चल रही थी, तब भी बसपा के उमाशंकर सिंह ने ही जीत दर्ज की। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी रामइबाल सिंह को 33 हजार मतों से हराया। अनुसूचित दलित बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण वर्ष 1963 से 2007 तक यह सीट आरक्षित रही। 1957 में पहली बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गंगा प्रसाद सिंह विधायक बने। तत्पश्चात कम्यूनिस्ट पार्टी, कांग्रेस, जनता पार्टी, भाजपा व बसपा के विधायक निर्वाचित होते रहे हैं।

सुविधाओं में पिछड़ता गया यह क्षेत्र

प्रदेश में चाहे कोई भी सरकार रही हो, सुविधाओं के मामले में यह क्षेत्र पिछड़ता ही चला गया। यहां कोई उद्योग स्थापित नहीं हो सका। शिक्षा, स्वास्थ्य के मामले में भी समुचित विकास नहीं हो सका। विधानसभा क्षेत्र में सभी जातियों की अच्छी-खासी जनसंख्या है। सरकारी योजनाओं का लाभ तो सभी को सामान्य रूप से मिल रहा है, लेकिन कोई बड़ी सौगात क्षेत्र को हासिल नहीं हाे सकी।

वर्ष 2022 में मतदाताओं की स्थिति

-354332 : कुल मतदाता

-193335 : पुरूष मतदाता

-160982 : महिला मतदाता

-15 : अन्य मतदाता

वर्ष 2017 में मतदान की स्थिति

-335654 : कुल मतदाता

-193151 : कुल मतदान

-57.54 : मतदान प्रतिशत

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