विधायक सुरेंद्र सिंह ने ओमप्रकाश राजभर को राजनीतिक लोमड़ी बताया
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले बलिया के बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह ने रविवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) प्रमुख ओमप्रकाश राजभर को राजनीतिक लोमड़ी बताया। वो रविवार को जिला अस्पताल में एक मरीज को देखने पहुंचे थे।
मीडिया से बातचीत में कहा कि ओमप्रकाश कोई भी पार्टी बुलाए वहां चले जाते हैं। जो गंगा जल में स्नान करके पोखरे में स्नान करने का मन में ठान लिया है वो राजनीतिक परिपक्व नहीं कहा जा सकता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ओमप्रकाश राजभर भूले भटके चले गए हों तो फिर से गंगा में स्नान कर लें, पोखरे में नहाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
परिवारवाद पर बरसे भाजपा विधायक
भाजपा विधायक ने सपा, बसपा, कांग्रेस पर भी निशाना साधा। कहा कि ये राजनीतिक पार्टी नहीं, शुद्ध रूप से राजनीति बैंड पार्टी हैं। किसी का मुखिया अखिलेश यादव, किसी की मायावती तो किसी के राहुल गांधी हैं। पार्टी में सभी परिवार ही दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के चुनाव संचालन समिति में सिर्फ चार लोग ही थे। शिवपाल, अखिलेश, रामगोपाल और मुलायम यादव।
भगवान ने चाहा तो बलिया भी वाराणसी की तरह हो जाएगा
जिला चिकित्सालय की व्यवस्था पर विधायक सुरेंद्र सिंह ने र असंतुष्टी जताई। कहा कि राजा और मुखिया यदि अपने जनता, समाज के लिए पूरी चिकत्सक सुविधा नहीं दे सकता वो श्रेष्ठ नहीं कहा जा सकता। इस क्षेत्र में भी सुधार हुआ है, लेकिन बलिया में चिकित्सकीय व्यवस्था में अपेक्षाकृत सुधार नहीं हुआ है। इसके लिए मैं अपने को भी जिम्मेदार मानता हूं। भगवान ने चाहा तो बलिया भी वाराणसी की तरह हो जाएगा।
शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी सरगर्मी बढ़ी
विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही शहर से लेकर गांवों तक चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। जगह-जगह भाजपा, सपा, बसपा व कांग्रेस कार्यकर्ता के बीच बैठक कर चुनावी रणनीति पर मंथन शुरू हो गया है। मतदाता की नजर जहां विभिन्न प्रत्याशियों की घोषणा पर टिक गई है। वहीं चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों ने हाईकमान की गणेश परिक्रमा शुरू कर दी है।
बलिया में विधानसभा चुनाव छठे चरण में तीन मार्च को होने हैं। इसे देखर राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के साथ ही मतदाता भी गुणा-गणित लगाने लगे हैं। अंदाजा लगाया जा रहा हैं कि फलां प्रत्याशी को टिकट मिलेगा तो फलां प्रत्याशी की जीत हो सकती है। यदि फलां प्रत्याशी को टिकट मिलेगा तो फलां का हारना तय है।