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काशी में विश्व रिकार्ड के उद्देश्य से 1001 शंख ध्वनि से गूंजा बाबा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी आधुनिकता के साथ कदमताल करती नजर आती है तो परंपराओं की निभाती है। शहर बनारस का यह अंदाज नए साल पर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में भी नजर आया। भोर से ही दर्शन-पूजन की कतार तो दोपहर के साथ एक साथ 1001 शंख के नाद से पूरा परिसर गूंज उठा। इसमें काशी के साथ ही समस्त उत्तर प्रदेश और अरुणाचल, मणिपुर, त्रिपुरा तक के बटुक व विद्वानों ने शंख ध्वनि की।

वास्तव में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का नव्य-भव्य स्वरूप का लोकार्पण के अवसर पर माहपर्यंत श्रीकाशी विश्वनाथ धाम यात्रा के तहत विविध आयोजन किए जा रहे हैं। इसमें इसकी प्रयागराज के उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) की ओर से विश्व रिकार्ड के उद्देश्य से 1001 शंखनाद का आयोजन किया जा रहा है। इसमें पश्चिम मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र भी सहभागी है। शंखनाद के इस अनूठे सामूहिक आयोजन में प्रतिभागियों को 1000 रुपये और प्रशस्ति पत्र दिए जा रहे हैं। इसके लिए शंखवादकों से आनलाइन आवेदन मंगाए गए थे।

इसमें भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की मंशा 1001 शंखनाद करा कर विश्व रिकार्ड बनाने की है। नोडल अधिकारी एनसीजेडसीसी के निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने बताया कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 दिसंबर को लोकार्पण किया तब 301 शंख वादन हुआ था। इस आयोजन के लिए आए आवेदकों से शंख ध्वनि करा कर तीन सदस्यीय कमेटी शंख वादन की गुणवत्ता परख चुकी है। वरीयता के आधार पर 1001 लोगों को शामिल किया गया है।

आयोजन का उद्देश्य यह भी कि अपनी परंपरा और संस्कृति को विस्तार दिया जाए। लोगों को इससे अधिक से अधिक जोड़ा जाए। इसका ही असर रहा कि बटुकों के साथ ही अन्य लोगों ने भी शंख खरीदे और इसका अभ्यास किया। दुकानों पर शंख खरीदने के लिए भी भीड़ नजर आई। कई दुकानों पर शंख का स्टाक खत्म हो गया।

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