वनराज के सपोर्ट में उतरी मालविका, क्या काव्या तोड़ने वाली है रिश्ता?
गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. 'अनुपमा' में सोमवार के एपिसोड में हमने देखा कि काव्या घर लौट आई और आते ही वह वनराज पर बरस पड़ी हैं। अब मंगलवार 25 जनवरी के एपिसोड की शुरुआत भी इसी से होती है। काव्या चीख रही है। समर इस बीच नंदिनी के पास जाता है और कहता है कि उसे काव्या से कोई प्रॉब्लम नहीं है, लेकिन वह उसके इस बर्ताव को बर्दाश्त नहीं कर सकता। नंदिनी इन बातों को खारिज करती है और काव्या का बचाव करती है। काव्या का गुस्सा सातवें आसमान पर है। वह वनराज से कहती है कि अब वह कभी उसे चैन से जीने नहीं देगी, क्योंकि उसकी हरकतों ने काव्या को दुखी किया है।
पाखी इन सब बातों से चिढ़ जाती है और कहती है कि काव्या और वनराज की लव स्टोरी एक कभी न खत्म होने वाला ड्रामा है। अनुपमा इन सब बातों से परेशान हो जाती है, उसे घर की शांति की चिंता सता रही है। वनराज अब घर के एक कोने में अकेले बैठा है। वह सोच रहा है कि आखिर कैसे वह इस चंगुल में फंस गया। उधर काव्या भी वनराज को ढूंढ़ रही है। हंसमुख ने गोपी काका, अनुज और मालविका से माफी मांगी है। एक हंसी-खुशी माहौल के खराब होने के कारण वह दुखी हैं। गोपी काका इस पर कहते हैं कि उन्हें माफी मांगने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सब एक ही परिवार से हैं। अनुज माहौल को हल्का बनाने की कोशिश करता है, लेकिन ऐसा हो नहीं पाता।
अनुपमा, किंजल से कहती है कि वह सभी को लेकर शाह हाउस पहुंचे। अनुपमा इस पूरे ड्रामे के बारे में सोचकर परेशान हो जाती है। अनुज उसे खुश करने की कोशिश करता है। वह पतंग पर एक स्केच बनाता है और अनुपमा से उस स्केच में रंग भरने के लिए कहता है। अनुपमा पतंग में रंग भरती है और फिर दोनों मिलकर पतंग उड़ाते हैं। अनुपमा यह सोचकर परेशान हो जाती है कि वह वनराज, मालविका और काव्या को कैसे संभालेगी। अनुज तब अनुपमा को सलाह देता है और उसे वनराज और काव्या के मामले से दूर रहना चाहिए, क्योंकि यह सब बहुत कॉम्प्लिकेटेड है।
इस बीच मालविका भी अनुज और अनुपमा के पास पहुंचती है। वह वनराज को सपोर्ट करती है और कहती है कि उसकी जिंदगी काव्या संग रिश्ते के कारण नर्क हो गई है। वह कहती है कि इसमें सिर्फ और सिर्फ काव्या की गलती है। अनुपमा यह सब सुनकर हैरान है।
इस बीच, नंदिनी और काव्या की भी बात हो रही है। वह काव्या से कहती है कि उसे अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट के बारे में सोचना चाहिए। वह काव्या से कहती है कि उसे वनराज के साथ अपना रिश्ता खत्म कर लेना चाहिए। नंदिनी कहती है कि वनराज हमेशा काव्या के साथ बुरा बर्ताव करता है और उसे अपमानित करता है। नंदिनी की बातें सुनकर काव्या चुप है। नंदिनी, काव्या से साथ में अमेरिका चलने को कहती है।