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पार्टी की फजीहत कराने वाले सपाइयों की तलाश, अखिलेश यादव ने मांगी सूची

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. अपनी नेतागीरी चमकाने के लिए बचकानी हरकतें कर पार्टी की भद पिटवाने वाले नेताओं व कार्यकर्ताओंं पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गंभीर रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली के दौरान कुछ सपाइयों ने अपनी ही कार में तोडफ़ोड़ कर इसको भाजपा के वाहन में तोडफ़ोड़ का वीडियो बताकर वायरल कर दिया था।

कार्यकर्ता चुनाव के दौरान दोबारा इसी तरह का कार्य न कर दें, इसलिए सपा प्रमुख ने कानपुर सहित प्रदेश के सभी जिलों में ऐसे कार्यकर्ताओं की सूची जिलाध्यक्षों से मांगी है। इन्हें चुनावी प्रक्रिया से दूर रखा जाएगा, ताकि चुनाव प्रचार के दौरान किसी असहज स्थिति का सामना न करना पड़े। कानपुर में इस तरह के कार्यकर्ताओं की सूची बननी शुरू हो गई है, जो एक सप्ताह में राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंप दी जाएगी।

प्रधानमंत्री की निराला नगर में 28 दिसंबर को रैली थी। इस दौरान एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें भाजपा के बैनर व पोस्टर से सजी कार में तोडफ़ोड़ और हंगामे का दृश्य था। बाद में पता चला कि कार एक सपाई की थी। हंगामा व तोडफ़ोड़ करने वाले भी सपा कार्यकर्ता ही थे। नेतागीरी चमकाने और सपा प्रमुख तक अपनी पहचान पहुंचाने के उद्देश्य से यह नाटक रचा गया।

हंगामा करने वाले पांच कार्यकर्ताओं को अखिलेश यादव के आदेश पर पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। इस बाबत राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सपा के नगर अध्यक्ष को आदेश दिए हैं कि हुड़दंग करने वाले पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की पहचान कर सूची भेजें, ताकि कार्रवाई की जा सके। नगर अध्यक्ष डा. इमरान ने बताया कि ऐसे लोगों की सूची तैयार की जा रही है।

 
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