गोरखपुर से शामली तक बनेगा 500 किलाेमीटर लंबा एक्सप्रेस-वे, शुरू हुई DPR तैयार करने की प्रक्रिया
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. पूर्वांचल के लिए अच्छी खबर है। यहां से शामली तक एक्सप्रेस वे निर्माण के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का काम शुरू हो गया है। अभी तय किया जा रहा है कि इस एक्सप्रेस वे को पीपीगंज व कैंपियरगंज के बीच से निकाला जाए या सोनौली में फोरलेन से जोड़ा जाए। ज्यादा संभावना है कि यह एक्सप्रेस वे सोनौली से शुरू होकर नेपाल सीमा से होते हुए शामली तक जाएगा। इसकी दूरी लगभग पांच सौ किलोमीटर होगी। इसके अलावा गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक के एक्सप्रेसवे की भी डीपीआर तैयार हो रहा है।
पूर्वांचल के कई जिलों से जुड़ेगा यह एक्सप्रेस-वे
अंबाला से शामली तक लगभग 110 किलोमीटर एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू हो चुका है, जिसे पूरा करने का लक्ष्य 2024 है। इसी एक्सप्रेस वे शामली एक्सप्रेस वे को जोड़ा जाएगा। इसके बन जाने से गाेरखपुर से अंबाला की दूरी लगभग तीन सौ किलोमीटर कम हो जाएगी। अभी लोगों को एक हजार किलोमीटर दूरी तय करनी पड़ती है। गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस वे पंजाब नार्ड ईस्ट कारीडोर का हिस्सा है। यदि यह पीपीगंज व कैंपियरगंज के बीच से निकलता है तो इसके बन जाने से संत कबीर नगर, बस्ती व सिद्धार्थनगर जनपद पहली बार एक्सप्रेस से जुड़ेंगे। यह पूर्वांचल का तीसरा एक्सप्रेस वे होगा।
पीडब्लूडी ने दी थी एनएच 730 को चौड़ा करने की सलाह
पीडब्लूडी ने नेशनल हाईवे (एनएच) 730 जो नेपाल सीमा से सिद्धार्थनगर होते हुए निकलता है। शामली एक्सप्रेस के लिए पीडब्लूडी ने इसी हाइवे को चौड़ा करने की सलाह दी थी। लेकिन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने इसे खारिज कर दिया। उसका कहना था कि एक्सप्रेस वे हमेशा ग्रीन फील्ड से होकर गुजरता है। किसी सड़क को चौड़ा करके एक्सप्रेस वे नहीं बनाया जाता है।
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस वे की डीपीआर बनाने का काम शुरू हो चुका है। ज्यादा संभावना है कि इसे नेपाल सीमा से होकर निकाला जाएगा। इसके अलावा गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 519 किलाेमीटर एक्सप्रेस की भी डीपीआर तैयार हो रही है। यह एक्सप्रेस वे कुसम्ही के पास जगदीशपुर फोरलेन से जुड़ेगा। - सीएम द्विवेदी, परियोजना निदेशक, एचएआइ।