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नए साल से बदलेगी ऑनलाइन पेमेंट की दुनिया, कार्ड डिटेल-CVV का झंझट होगा खत्म

गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. साल 2021 खत्म होने वाला है और हफ्ते भर बाद नए साल की शुरुआत होने वाली है। इस बीच कई तरह के अहम बदलाव भी होने वाले हैं जो सीधे आम आदमी को प्रभावित करेंगे। इनमें से एक है टोकेनाइजेशन सुविधा, जो ऑनलाइन खरीदारी करने वाले लोगों को ध्यान में रखकर लाई जा रही है। इसके जरिए ऑनलाइन पेमेंट करने के दौरान कार्ड डिटेल और सीवीवी आदि का झंझट खत्म हो जाएगा। 

ऐसे काम करेगी नई सुविधा 

टोकेनाइजेशन सुविधा के तहत उपयोगकर्ता के कार्ड नंबर, सीवीवी और अन्य मांगी जाने वाली जानकारियों के स्थान पर एक टोकन नंबर जारी होगा। इस नंबर के माध्यम से उपयोगकर्ता बिना कार्ड डिटेल और अन्य गोपनीय जानकारियों को साझा किए खरीदारी कर सकेंगे। यानी ई-कॉमर्स वेबसाइट नए साल से आपके कार्ड का ब्योरा सुरक्षित नहीं रख पाएंगी।

पहले मोबाइल और टैबलेट के लिए 

भारतीय रिजर्व बैंक ने ऑनलाइन खरीदारी बढ़ने के मद्देनजर खरीदारों की सुरक्षा के मद्देनर यह अहम बदलरव किया है। टोकेनाइजेशन सुविधा शुरू में मोबाइल फोन और टैबलेट के जरिए प्राप्त की जा सकेगी। इसके बाद इसे दूसरी डिवाइस के लिए भी शुरू किया जाएगा। हालांकि इस दौरान याद रहे कि यह सुविधा सभी के अनिवार्य बिल्कुल भी नहीं होगी। यानी यूजर अपनी इच्छा के अनुसार टोकन नंबर ले सकेगा। 

ऑनलाइन पेमेंट होगा कहीं ज्यादा सुरक्षित

इस संबंध में जारी रिपोर्ट के अनुसार, इस बड़े बदलाव के चलते नए साल से आपका ऑनलाइन पेमेंट पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित होने वाला है। 1 जनवरी 2022 से कार्ड टोकेनाइजेशन प्रणाली लागू होगी। नई व्यवस्था का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि कार्ड होल्डर की जानकारी थर्ड पार्टी के पास स्टोर नहीं होगी। अभी कई ऑनलाइन शॉपिंग पोर्टल जल्द  ट्रांजैक्शन के लिए कार्ड होल्डर की कार्ड डिटेल सेव कर लेते हैं। ऐसे में कई मामले सामने आए हैं, जहां पर यूजर का डाटा लीक हुआ है और उसे फ्रॉड का शिकार होना पड़ा है। 

क्या होता है टोकनाइजेशन

आरबीआई के अनुसार, इस सुविधा के तहत वीजा, मास्टरकार्ड, रूपे कार्ड जैसे सर्विस प्रोवाइडर ग्राहक के कार्ड नंबर, सीवीवी और दूसरी डिटेल की जगह, एक 14 या 16 अंकों (रैंडम) का नंबर जारी कर सकेंगे। जो कि ग्राहक के कार्ड से लिंक होगा। ग्राहक को ऑनलाइन पेमेंट करते समय कार्ड की ओरिजनल डिटेल देने की जगह, टोकन नंबर बताना होगा। जिसके जरिए पेमेंट हो सकेगा। इसके अलावा यूजर को यह भी सुविधा मिलेगी कि वह अपने कार्ड से होने वाले सभी भुगतान के लिए टोकन व्यवस्था का इस्तेमाल करें। या फिर वह केवल किसी खास ट्रांजैक्शन के लिए भी टोकन जेनरेट करवा सकेगा।

फिक्की ने जाहिर की ये चिंता

उद्योग मंडल फिक्की का कहना है कि ग्राहकों के डेबिट-क्रेडिट कार्ड से जुड़ी सूचना जमा करने के बजाय टोकन नंबर जारी करने की नई व्यवस्था लागू होने से ऑनलाइन मर्चेंट को 20 से 40 फीसदी राजस्व गंवाना पड़ सकता है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की मीडिया एवं मनोरंजन समिति की तरफ से बुधवार को आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम में यह आशंका जाहिर की गई। इसमें कार्ड के टोकन नंबर रखने के बारे में एक जनवरी 2022 से नई व्यवस्था लागू होने पर चर्चा की गई।

कार्ड से रोजाना 4000 करोड़ का लेन-देन

भारत में करीब 98.5 करोड़ कार्ड होने का अनुमान है जिनसे रोजाना करीब 4,000 करोड़ रुपये मूल्य का लेनदेन होता है। सीआईआई के मुताबिक, इस नई टोकेनाइजेशन व्यवस्था से खासकर छोटे मर्चेंट के लिए बड़ी दिक्कते खड़ी होने वाली हैं। यहां तक कि उन्हें अपनी दुकान बंद करने की नौबत भी आ सकती है।

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