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रोडवेज की खटारा बसों में खिड़कियां तक मयस्‍सर नहीं, कोहरे के कहर से बचे तो सर्दी ले लेगी जान

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. बसों की इन तस्वीरों को जरा गौर से देखिये। खिड़कियों के टूटे शीशे टूटे हुए हैं। रोडवेज प्रशासन इसी व्यवस्था के सहारे कोहरे में सुरक्षित सफर कराने का भरोसा दिला रहा है। तस्वीरें बयां कर रही हैं कि कोहरे के कहर से बच भी गए तो सर्दी जरूर जान ले लेगी।

सड़कों पर कोहरा मौत का झपट्टा मारने को तैयार खड़ा होगा। रोडवेज प्रशासन की तैयारियां जानने की कोशिश की गई तो नजारे चौंकाने वाले नजर आए। रोडवेज प्रशासन की तरफ से तैयारियों की स्थिति हैरान करने वाली नजर आयी, जो परिक्षेत्र की साढ़े पांच सौ बसों में महज नमूना हो सकती है। कैंट बस स्टैंड पर सवारियां लाद रही सोनभद्र डिपो की बस अनपरा, शक्ति नगर सेवा (यूपी 65ईटी9320) की पिछली खिड़की का शीशा टूटा मिला।

वही, कतार में खड़ी काशी डिपो की बस शक्ति नगर, बैढ़न सेवा (यूपी 78एफएन1741) की खिड़की में दफ्ती लगाकर जुगाड़ू विधि से हवा रोकने का प्रयास किया गया। वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था कलई खोलने वाली है। प्लेटफार्म पर खड़ी बस खुज्जी, केराकत सेवा (यूपी 65एटी 6114) की तस्वीर देखकर ही पता चल जाएगा। जिसमें टूटे हुए शीशे के साथ उसे रवाना कर दिया गया।

बहुतेरी ऐसी कि सड़कों पर रफ्तार भरने के बाद कोहरे के गुबार को अंदर भरने से न रोक सकें। ऐसी परिस्थिति में कोहरे के कहर से यात्री बच भी गए तो सर्दी उनकी जान जरूर ले लेगी। दोनों ही बसों के चालकों ने बताया कि वर्कशॉप में पहले से कई बसें दुरुस्त हो रहीं हैं। बसों की स्थिति से अवगत कराया गया है, जल्द ही हमारी गाड़ी भी वर्कशॉप जाएगी। बोले सर्दियों में ऐसी गाड़‍ियों की सवारी करना लोग पसंद नहीं करेंगे।

बोले अधिकारी : "बसों का हेल्थ चेकअप किया जा रहा है। वर्कशॉप में काम तेजी से चल रहा है। निर्देश दिए गए हैं, कि बसों की लाइट, बाडी, टूटे शीशे दुरुस्त किए जाएं।" - ए. रहमान प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक), रोडवेज। 

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