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Seaplane in Gorakhpur: सीप्लेन के लिए सभी मानकों पर खरा है रामगढ़ताल, 50 मिनट में पहुंचेंगे गोरखपुर से वाराणसी- इतना होगा क‍िराया

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. Seaplane in Gorakhpur: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गोरक्षनगरी से काशी तक सीप्लेन (Gorakhpur to Varanasi Seaplane) चलाने की घोषणा करने के साथ ही इसकी संभावनाओं पर मंथन शुरू हो गया है। रामगढ़ताल में सी प्लेन उतारने की तैयारी है और इसके लिए जो मानक तय हैं, उसपर रामगढ़ताल पूरी तरह से खरा उतरता है। रामगढ़ताल की लंबाई, चौड़ाई और गहराई मानक के अनुरूप है। अधिकारियों का कहना है कि ताल में सीप्लेन उतारने में कोई समस्या नहीं आएगी। गोरखपुर से वाराणसी (Gorakhpur to Varanasi Seaplane) के बीच 162 किलोमीटर की दूरी तय करने में एक व्यक्ति को करीब पांच हजार रुपये खर्च करने पड़ सकते हैं। यह दूरी तय करने में करीब 40 से 50 मिनट लगेंगे।

Seaplane in Gorakhpur

रामगढ़ताल में संभावनाओं को लेकर पहले ही तैयार की जा चुकी है रिपोर्ट

केंद्र सरकार ने पूरे देश में 100 सीप्लेन चलाने की घोषणा की है। पहला सी प्लेन गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट से केवडिया (एकता की मूर्ति) तक संचालित किया जा रहा है। स्पाइसजेट को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। इसी तरह गोरखपुर से वाराणसी के बीच भी सी प्लेन का संचालन तय हो चुका है। जल्द ही इसको लेकर तैयारियां शुरू की जा सकती हैं। जिस सी प्लेन का संचालन किया जा रहा है, उसमें 12 लोग एक बार में बैठ सकते हैं। 'आटर 300' श्रेणी के इस सी प्लेन का निर्माण जापान में हुआ है।

गोरखपुर में सीप्लेन संचालन के लिए यह है मानक

गोरखपुर में सीप्लेन (Seaplane in Gorakhpur) उड़ने एवं उतरने के लिए पानी में ही एक हवाईअड्डा बनाना होगा। इसकी लंबाई करीब 1160 मीटर जबकि चौड़ाई 120 मीटर होनी चाहिए। हवाईअड्डा के क्षेत्र में पानी की गहराई कम से कम 1.8 मीटर होनी चाहिए। शहर के किनारे भी विकास करना होगा। किनारे की ओर करीब 1.8 एकड़ भूखंड जरूरी है। यहां टर्मिनल आदि का निर्माण होगा। ताल में होने वाली अन्य गतिविधियों के लिए चिह्नित स्थान व हवाईअड्डा के बीच पर्याप्त दूरी होनी चाहिए। हवाईअड्डा ऐसी जगह बनाया जाएगा, जहां प्रवासी पक्षियों की गतिविधियां न हों।

रामगढ़ताल की है यह स्थिति

सीप्लेन के लिए तय सभी मानक रामगढ़ताल में पूरे हो रहे हैं। उत्तर से दक्षिण तक इसका फैलाव 4.2 किलोमीटर में है। इसी तरह पूरब से पश्चिम में यह ताल 2.5 किलोमीटर में फैला है। गर्मी में ताल की अधिकतम गहराई 2.5 मीटर जबकि बरसात के समय अधिकतम गहराई चार मीटर है। नजदीकी एयरपोर्ट से एरियल दूरी तीन किलोमीटर है।

रामगढ़ ताल में तरह-तरह की नाव देख चहके युवा

वाटर स्पोर्ट्स के लोकार्पण के बाद रामगढ़ ताल की छटा बदल गई। रंग-बिरंगी नावों से रामगढ़ ताल और भी भव्य हो गया। ताल में तैर रही तरह-तरह की नावों को जब युवाओं ने देखा तो वह चहक उठे। कुछ ने सवारी कर आनंद उठाया तो कुछ उसे देखकर ही प्रफुल्लित होते दिखे। सबकी जुबां पर एक ही बात थी कि यह सब योगी जी के चलते ही संभव हो पा रहा है। कुछ युवाओं से जब जागरण ने बात की तो उन्होंने मुख्यमंत्री की भूरि-भूरि सराहना की।

वाटर स्पोर्ट्स के तहत गोरखपुर पहुंच चुकी हैं यह नावें

स्पीड बोट-3, लक्जरी स्पीट बोट-़, बनाना बोट-2, जेट स्की-1, मोटर बोट-2, क्याक-5, रोविंग-2, पैडल बोट-20, शिकारा।

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