वाराणसी में रोपवे की टली निविदा, पीएम मोदी के शिलान्यास सूची से कटा नाम
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. प्रदेश कैबिनेट की स्वीकृत के बाद पूरी उम्मीद थी कि 18 दिसंबर को निविदा खुल जाएगी। इसके बाद निर्माण के लिए कंपनी का नाम तय हो जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वाराणसी विकास प्राधिकरण की ओर से रोपवे के लिए जारी निविदा 18 दिसंबर को खुलनी थी जो नहीं खुल सकी।
इसकी वजह कंपनियों का प्रोजेक्ट निर्माण को लेकर कई तरह की आशंकाएं हैं। इसको सुलझाने के लिए आमंत्रित कंपनियों ने वीडीए से वक्त मांगा जिसके बाद निविदा खोलने की तिथि 24 दिसंबर कर दी गई। ऐसे में स्पष्ट हो गया कि आगामी 23 दिसंबर को पिंडरा ब्लाक अंतर्गत खरखियांव गांव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संभावित जनसभा में रोपवे का शिलान्यास नहीं हो सकेगा।
वाराणसी में रोपवे की स्थापना के लिए पीपीपी माडल पर जारी की गई है। 3.65 किमी की प्रस्तावित इस परियोजना पर 410 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इसमें 20 प्रतिशत केंद्रांश व 20 प्रतिशत राज्यांश है। शेष 60 प्रतिशत कंपनी के हिस्से आएगा। राज्यांश एक बार देय होगा। कार्यदायी कंपनी रोपवे का निर्माण करने के साथ ही संचालन भी करेगी। परियोजना सलाहकार के तौर पर वीडीए की ओर से नियुक्त वैपकास लिमिटेड कंपनी ने प्रस्ताव तैयार किया है।
प्री- बिड में आई कंपनियां
-ईसीएल मेनेजमेंट एसडीएनडीएचडी
-डोपल्मेयर
-एफ़आइएल
-पोमा
-एक्रान इंफ्रा
-एजीस इंडिया
-कनवेयर एंड रोप-वे सिस्टम
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
-प्रस्तावित रूट : गोदोलिया से कैंट रेलवे स्टेशन के मध्य
-प्रस्तावित रूट की लंबाई 3.65 किमी
-प्रस्तावित यात्रा समय (एंड-टू-एंड) 15 मिनट
-कुल केबल ट्राली कार 220, प्रत्येक कार में 10 व्यक्तियों की क्षमता
-90 से 120 सेकेंड के अंतराल पर ट्राली कार की उपलब्धता
-एक तरफ से एक समय में 4500 व्यक्तियों को यात्रा की सुविधा
-कुल प्रस्तावित स्टेशन चार
-भू-स्तर से 11 मीटर ऊंचाई पर प्रत्येक स्टेशन
-परियोजना लागत 410.30 करोड़ रुपये
बोले अधिकारी : रोपवे प्रोजेक्ट का निर्माण व संचालन के लिए निविदा जारी की गई थी जो 18 दिसंबर को खोला जना था लेकिन कंपनियों की मांग पर तिथि बढ़ाकर अब 24 दिसंबर कर दी गई है। - ईशा दुहन, उपाध्यक्ष, वीडीए