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अगर इस बैंक में आपका खाता है तो हर अपडेट पर रखें नजर, रिजर्व बैंक ने दिया है दखल

गाजीपुर न्यूज़ टीम, नई दिल्ली. आरबीएल बैंक के ग्राहक इस वक्त तनावग्रस्त हैं। वजह है भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अपने मुख्य महाप्रबंधक योगेश के. दयाल को आरबीएल बैंक के बोर्ड में अतिरिक्त निदेशक के रूप में नियुक्त करना और इसके बाद बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विश्ववीर आहूजा का पद छोड़ देना। कहा जा रहा है कि आरबीआई का यह कदम आरबीएल बैंक को और मजबूत करने और रुकावटरहित लीडरशिप ट्रांजिशन सुनिश्चित करने के लिए है। लेकिन बैंक के बोर्ड में आरबीआई द्वारा दिए गए दखल ने बैंकिग सेक्टर में सुगबुगाहट पैदा कर दी है। तरह-तरह के कयासों और आशंकाओं के चलते आरबीएल बैंक के शेयरों सोमवार को 20 फीसदी से ज्यादा गिरकर 52 सप्ताह के निचले स्तर 132.35 रुपये प्रति शेयर पर आ गए।

विश्ववीर आहूजा के पद छोड़ने के बाद आरबीएल बैंक ने राजीव आहूजा को तत्काल प्रभाव से अंतरिम एमडी एवं सीईओ नियुक्त किया है। विश्ववीर के अचानक छुट्टी पर जाने के पीछे चिकित्सकीय वजहों का हवाला दिया जा रहा है। विश्ववीर का कार्यकाल अभी छह महीने बचा हुआ था। इस साल की शुरुआत में आरबीएल ने विश्ववीर को और तीन साल के लिए बैंक का सीईओ नियुक्त करने को लेकर आरबीआई से मंजूरी मांगी थी। इस पर आरबीआई ने उनका कार्यकाल केवल 1 वर्ष बढ़ाने की अनुमति दी थी, जो 30 जून 2021 से शुरू हुआ।

नए मुखिया ने परिसंपत्ति गुणवत्ता से जुड़ी आशंका को नकारा

बैंक के नए मुखिया राजीव आहूजा ने रविवार को आरबीएल बैंक के बोर्ड में आरबीआई द्वारा दिए गए दखल से उपजी आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि दिसंबर तिमाही में बैंक का मुनाफा सितंबर की तिमाही के मुकाबले अधिक होगा। राजीव ने कहा कि आरबीएल बैंक और उसकी रणनीति को केंद्रीय बैंक का पूरा समर्थन हासिल है। इस घटनाक्रम का बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता से कोई लेना-देना नहीं है। साल 2020 में यस बैंक संकट के बाद भी बैंक ने दावा किया था कि वह वित्तीय तौर पर मजबूत है।

कब आया अस्तित्व में

आरबीएल बैंक का हेडक्वार्टर मुंबई में है। यह 6 अगस्त 1943 में एक क्षेत्रीय बैंक के तौर पर अस्तित्व में आया। इसके फाउंडर्स सांगली के बाबगोंडा भुजगोंडा पाटिल और कोल्हापुर के गंगप्पा सिद्धप्पा चौगुले थे। 1959 में बैंक को शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक का दर्जा मिला। 1970 में आरबीएल बैंक को आरबीआई से बैंकिंग लाइसेंस मिला। विश्ववीर आहूजा जुलाई 2010 में बैंक के एमडी व सीईओ बने। अगस्त 2014 में बैंक का नाम बदलकर आरबीएल बैंक लिमिटेड हो गया।

कितने ग्राहक और कितना बड़ा नेटवर्क

बैंक 6 वर्टिकल्स- कॉरपारेटव इंस्टीट्यूशनल बैंकिंग, कमर्शियल बैंकिंग, ब्रांच व बिजनेस बैंकिंग, रिटेल एसेट्स, डेवलपमेंट बैंकिंग व फाइनेंशियल इन्क्लूजन, ट्रेजरी व मार्केट ऑपरेशंस में सेवाओं की पेशकश करता है। बैंक की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, आरबीएल बैंक के ग्राहकों की संख्या 99.7 लाख है। बैंक की पूरे भारत में 445 ब्रांच, 1435 बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट ब्रांच और 386 एटीएम हैं। कुल बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट ब्रांच में से 271 ब्रांच बैंकिंग आउटलेट हैं।

2016 में आया था आईपीओ

आरबीएल बैंक 2016 में अपना आईपीओ लेकर आया था। उस वक्त तक बैंक की वित्तीय सेहत काफी अच्छी थी। लेकिन उसके बाद से आरबीएल बैंक का एनपीए लगातार बढ़ता चला गया। कहा जाता है कि बैक प्रबंधन ने कुछ विशेष सिफारिशों पर लोन दिए जो बाद में एनपीए हो गए और खामियाजा आरबीएल बैंक को भुगतना पड़ा। राजीव ने कहा कि बैंक के पास 15,000 करोड़ रुपये की अधिक तरलता है और वह ग्राहकों तक पहुंचने के लिए कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि बैंक मार्च 2022 तक अपने शुद्ध एनपीए को दो प्रतिशत के नीचे लेकर आएगा।

अगस्त 2021 में मिली थी सरकारी लेनदेन संभालने की जिम्मेदारी

RBL बैंक को अगस्त 2021 में RBI से केंद्र और राज्य सरकारों के बैंकिंग लेनदेन के लिए एक एजेंसी बैंक के रूप में कार्य करने की मान्यता मिली थी। केंद्रीय बैंक की मंजूरी मिलने के बाद आरबीएल बैंक सरकारी व्यवसाय से संबंधित लेनदेन की एक विस्तृत श्रृंखला को संभाल सकने में सक्षम बन गया है। इसके अलावा बैंक, सब्सिडी के वितरण, पेंशन भुगतान, आयकर, उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क, जीएसटी, स्टांप शुल्क, पंजीकरण, राज्य उत्पाद शुल्क (वैट) और पेशेवर कर सहित केंद्रीय और राज्य कर एकत्र करने का व्यवसाय करने में सक्षम हो गया है।

AIBEA ने वित्त मंत्री से लगाई गुहार

आरबीएल बैंक संकट में है या नहीं, इस बारे में अभी स्पष्टता तो नहीं है लेकिन चिंताएं जन्म ले चुकी हैं। आरबीआई के दखल के बाद ऑल इंडिया बैंक इंप्लॉइज एसोसिएशन AIBEA ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लेटर लिखकर आरबीएल बैंक में हालिया बदलावों को लेकर चिंता जताई है। साथ ही डिपॉजिटर्स के हितों की रक्षा के लिए आरबीएल बैंक मामले में हस्तक्षेप करने और किसी पब्लिक सेक्टर बैंक में आरबीएल बैंक के विलय जैसे कदमों पर विचार करने को कहा है।

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