पूर्वांचल बनेगा दुग्ध उत्पादन का बड़ा हब, PM मोदी ने किया अमूल की परियोजना का शिलान्यास
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. इकोनॉमी और इकोलॉजी की संकल्पना के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अब किसानों की आय दो गुना करने के लिए प्राकृतिक खेती को आजमाने की जमीन भी अमूल प्लान्ट लगने के साथ ही शुरू हो गई है। नैचुरल और जीरो बजट फार्मिंग के लिए बनास डेयरी (अमूल) का कार्य पीएम नरेंद्र मोदी की पहल पर वाराणसी में शुरू हो चुका है। गुरुवार की दोपहर वाराणसी में पीएम नरेन्द्र मोदी ने प्रस्तावित परियोजना के मॉडल का भी अवलोकन कर पूरी परियोजना की सराहना भी की।
इस दौरान अधिकारियों ने पूरी परियोजना का खाका पीएम के सामने प्रस्तुत कर इससे किसानों को मिलने वाले लाभ के बारे में भी अवगत कराया। वहीं बनास डेयरी के शिलान्यास के पूर्व श्वेत क्रांति के पर आधारित एक वृत्तचित्र भी प्रस्तुत किया गया। इसमें यूपी में चल रही परियोजना और संकल्पना का खाका खींचा गया। आधुनिकतम तकनीक से बन रही परियोजना के बारे में स्वचालित मशीनों और पशुपालकों को होने वाले लाभ के बारे में बताया गया। दस लाख लीटर तक भविष्य में इसकी क्षमता बढ़ाई जाएगी। इसमें वाटर ट्रीटमेंट, सोलर प्लान्ट भी होगा जिससे ग्रीन एनर्जी का यह बड़ा उदाहरण भी होगा। वहीं रामनगर में देश का सबसे बड़ा गोबर से बायोगैस प्लान्ट का भी शुभारंभ किया गया। वहीं डेयरी मार्क और पोर्टल का भी लोकार्पण किया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करखियांव में जनसभा को संबोधित करने से पूर्व 475 करोड़ की अमूल की बनास काशी संकुल परियोजना की नींव रखी। इस अमूल प्लांट की नींव रखने से किसानों संग क्षेत्र का विकास तय माना जा रहा है। इस दौरान एक लाख 70 हजार दुग्ध उत्पादकों को 35.2 करोड़ रुपये बोनस का भी पीएम ने आनलाइन हस्तांतरण कर दुग्ध उत्पादकों के चेहरे पर मुस्कान दी है। बनास डेयरी से जुड़े लोगों के सामने जॉब का इकोसिस्टम भी इसके जरिए बन रहा है और इससे पलायन भी रुकेगा। वहीं प्लान्ट लगने से अब वाराणसी और आसपास के जिलों के किसानों के लिए अमूल की यह परियोजना बड़ा अवसर साबित होने जा रही है। पीएम ने इस मौके पर डेयरी से जुड़े बोनस को जारी कर डेयरी उद्योग की महत्ता और इसे अवसर के तौर पर लेने के लिए किसानों में प्रेरणा भरी है।
डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बनास डेयरी के प्लांट के शिलान्यास के अवसर पर प्रमाणन चिह्न 'डेयरी मार्क' भी लांच किया है। इसमें उत्पाद-खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली, प्रमाणीकरण के लिए एकीकृत लोगों में बीआइएस, आइएसआइ चिन्ह, कामधेनु गाय के साथ एनडीडीबी गुणवत्ता चिह्न शामिल है। एकीकृत लोगो को अनुरूपता मूल्यांकन योजना के तहत लांच किया गया है। इसे गत आठ दिसंबर को भारतीय मानक ब्यूरो ने अधिसूचित किया गया था। डेयरी मार्क, पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा शुरू की गई एक प्रक्रिया है जो गुणवत्ता और खाद्य सुरक्षा को प्रदर्शित करता है। भारत में निर्मित और रिटेल किए गए डेयरी उत्पादों में उपभोक्ताओं के विश्वास को बेहतर बनाने में मदद करेगा। इससे डेयरी उत्पाद की बिक्री में वृद्धि होगी। वहीं किसानों की आय में वृद्धि होगी।