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PM मोदी आज देंगे कानपुर को मेट्रो की सौगात, यात्रियाें को लुभाएंगी एडवांस्ड ट्रेन की यह खूबियां

गाजीपुर न्यूज़ टीम, कानपुर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को 11,076 करोड़ रुपये की कानपुर मेट्रो परियोजना का लोकार्पण करके जनता को नए साल का तोहफा देंगे। पिछले दो वर्ष से जारी मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में आइआइटी से मोतीझील तक नौ किमी का प्राथमिक कारिडोर तैयार हो चुका है, इसमें नौ स्टेशन हैं। कानपुर मेट्रो के प्रोजेक्ट में कारिडोर एक में आइआइटी से नौबस्ता तक का रूट बनाया जाना है और कारिडोर दो में सीएसए से बर्रा आठ तक का रूट शामिल है।

सीएम ने रखी आधारशिला और पीएम करेंगे लोकार्पण : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रथम यात्री बनकर आइआइटी स्टेशन से मेट्रो में सवार होकर गीतानगर स्टेशन तक सफर करेंगे और निराला नगर मैदान से हरी झंडी दिखाएंगे। यहां पर उनके साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं केंद्रीय शहरी एवं आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी समेत सांसद और विधायक तथा मेट्रो प्रबंधन के अफसर मौजूद रहेंगे। बीते 15 नवंबर2019 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कानपुर मेट्रो के सिविल निर्माण की शुरुआत की गई थी। दो साल से भी कम समय में प्राथमिक कॉरीडोर तैयार होने पर बीते 10 नवंबर को मुख्यमंत्री ने कानपुर मेट्रो के ट्रायल रन का शुभारंभ किया था।

आइजीबीसी और सीएमआरएस के मानकों में खरी कानपुर मेट्रो : इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल और मेट्रो रेल सुरक्षा एवं संरक्षा की जांच में कानपुर मेट्रो खरी उतरी है। आइआइटी से मोतीझील तक प्राथमिक कॉरिडोर के सभी नौ स्टेशनों को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आइजीबीसी) ने प्लेटिनम रेटिंग दी है। प्राथमिक कॉरीडोर को पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से ग्रीन बिल्डिंग कोड के तहत विकसित किया गया है। इसे पर्यावरण प्रबंधन के लिए ISO-14001प्रमाणन और सुरक्षा प्रबंधन के लिए ISO-45001 प्रमाणन दिया गया है। हाल ही में मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने तीन दिवसीय दौरे में कानपुर मेट्रो के वाया-डक्ट, ट्रैक, स्टेशन परिसर, साइनेज, सुरक्षा व्यवस्था, पेयजल सुविधा आदि काे परखा था। सीएमआरएस ने मेट्रो ट्रेन की गति की भी जांच की थी। इसके बाद कानपुर मेट्रो के प्राथमिक कॉरिडोर पर कॉमर्शियल रन की एनओसी दी गई।

कानपुर मेट्रो पर एक नजर : कानपुर मेट्रो रेल परियोजना में दो कॉरिडोर शामिल हैं, जिसकी लंबाई 32.5 किमी है। इसमें पहला आइआइटी से नौबस्ता तक 23.8 किमी का है और कॉरिडोर चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय से बर्रा-8 तक 8.6 किमी का है। इसमें नौ एलिवेटेड मेट्रो स्टेशनों वाले प्राथमिक कॉरिडोर आइआइटी से मोतीझील तक संचालन के लिए तैयार हो गया है। तीन कोच के साथ कानपुर मेट्रो 29 दिसंबर से यात्री सेवाएं शुरू कर देगी। स्टेशन पर सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक मेट्रो की सुविधा उपलब्ध रहेंगी। क्यूआर कोड से टिकट और स्मार्ट कार्ड सुविधा भी होगी। आने वाले दिनों में GoSmart कार्ड से यात्रा पर 10 फीसद की छूट प्रदान की जाएगी।

उर्जा और जल संरक्षण पर जोर : मेट्रो की ट्रेनों में 'रीजेनरेटिव ब्रेकिंग' तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे 35 फीसद ऊर्जा बचत होगी और उर्जा का उत्पादन भी करेंगी। स्टेशनों और डिपो पर लिफ्ट भी रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक से ऊर्जा बचत करेगी। मेट्रो डिपो और स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाने की भी योजना है। सभी स्टेशनों के आउटडोर और इनडोर को खूबसूरती से डिजाइन किया गया है। ट्रेन को ओएचई (ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन) के बजाय थर्ड रेल से संचालित किया जाएगा। मेट्रो ट्रेनों के रखरखाव के लिए ग्रीन डिपो होगा। मेट्रो की संरचना 'ग्रीन बिल्डिंग' अवधारणा पर विकसित है, जिसमें ऊर्जा के साथ-साथ वाटर रिचार्जिंग की सुविधा है।

कठिन समय पूरा किया बड़ा लक्ष्य : उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव का कहना है कि कोविड जैसे कठिन समय के बावजूद कानपुर मेट्रो रेल परियोजना के प्राथमिक कॉरीडोर का लक्ष्य सभी बाधाओं और चुनौतियों को पार करके पूरा किया गया है। दो साल से भी कम समय में कानपुर मेट्रो का ट्रायल रन शुरू किया गया और राजस्व सेवाएं शुरू करने के लिए तैयार है। कानपुर मेट्रो आरामदायक, सुगम और सुरक्षित यात्रा का अनुभव देगा। महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों को खास सुविधा प्रदान करेगा। कानपुर मेट्रो शहरी परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में सस्ता होगा। ट्रैफिक जाम में फंसे बिना यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने में सहायक होगा।

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