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गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह, हमारे लिए माता - PM मोदी

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को वाराणसी दौरे पर पहुंचे। जहां उन्होंने पिंडरा के करखियांव में अमूल प्लांट की आधारशिला रखने के साथ ही 2100 करोड़ रुपये की 27 परियोजनाएं अपने संसदीय क्षेत्र की जनता को समर्पित की। उन्होंने जनसभा में विपक्षी पार्टियों पर जमकर निशाना साधा। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है। पढ़िए पीएम मोदी के भाषण की मुख्य बातें...

पीएम मोदी ने कहा कि आज वाराणसी और आसपास का पूरा क्षेत्र फिर से पूरे देश और उत्तर प्रदेश के गांवों, किसानों, पशुपालकों के लिए बहुत बड़े कार्यक्रम का साक्षी बना है। हमारे यहां गाय की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है। उन्होंने कहा कि गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, लेकिन हमारे लिए गाय माता है, पूजनीय है। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है।

गेहूं और चावल से ज्यादा दूध का उत्पादन

आज भारत हर साल लगभग साढ़े 8 लाख करोड़ रुपये का दूध उत्पादन करता है। ये राशि जितना भारत में गेहूं और चावल का उत्पादन होता है, उसकी कीमत से भी कहीं ज्यादा है। भारत के डेयरी सेक्टर को मजबूत करना आज हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इसी कड़ी में आज यहां बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया है।

6-7 वर्षों में दूध उत्पादन लगभग 45 फीसदी बढ़ा

पीएम ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता था कि किसके दरवाजे पर कितने खूंटे हैं, इसे लेकर स्पर्धा रहती थी। लेकिन बहुत लंबे समय तक इस सेक्टर को जो समर्थन मिलना चाहिए था, वो पहले की सरकारों में नहीं मिला। हमारी सरकार देशभर में इस स्थिति को बदल रही है। 6-7 वर्ष पहले की तुलना में देश में दूध उत्पादन लगभग 45 फीसदी बढ़ा है।

आज भारत दुनिया का लगभग 22 फीसदी दूध उत्पादन करता है। मुझे खुशी है कि यूपी आज देश का सबसे अधिक दूध उत्पादक राज्य तो है ही, डेयरी सेक्टर के विस्तार में भी बहुत आगे है।

ईमानदारी और शक्ति से काम कर रही डबल इंजन की सरकार

डबल इंजन की हमारी सरकार पूरी ईमानदारी और शक्ति से किसानों और पशुपालकों का साथ दे रही है। आज यहां जो बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया गया है, वो भी सरकार और सहकार की इसी भागीदारी का प्रमाण है।

आज देश की सबसे बड़ी जरूरत डेयरी सेक्टर से निकलने वाले पशुओं के अपशिष्ट को सही इस्तेमाल करने की भी है। रामनगर के दूध प्लांट के पास बायोगैस से बिजली बनाने वाले प्लांट का निर्माण ऐसा ही एक बहुत बड़ा प्रयास है। एक समय था, जब भारत में प्राकृतिक खेती होती थी। जो खेत से मिल रहा है, खेती में जुड़े पशुओं से मिल रहा है, वही तत्व खेती को बढ़ाने के काम आते थे। लेकिन समय के साथ प्राकृतिक खेती का दायरा सिमटता गया।

धरती मां के कायाकल्प के लिए प्राकृतिक खेती की ओर मुड़ना होगा

धरती मां के कायाकल्प के लिए, हमारी मिट्टी की सुरक्षा के लिए आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए हमें एक बार फिर प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ना ही होगा। सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, किसानों को जागरूक करने के लिए बहुत बड़ा अभियान भी चला रही है। पीएम मोदी ने कहा- मैं मेरे किसान भाइयों-बहनों, विशेषकर छोटे किसानों से आज किसान दिवस पर आग्रह करूंगा कि आप प्राकृतिक खेती की तरफ आगे बढ़ें।

गांवों को, किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, उन्हें अवैध कब्जे से चिंता मुक्त करने में स्वामित्व योजना की बहुत बड़ी भूमिका है। यूपी के 75 जिलों में 23 लाख से अधिक घरौनी तैयार हो चुकी हैं। इसमें से करीब 21 लाख परिवारों को आज ये दस्तावेज दिए गए हैं।

पुरातन पहचान को बनाए रखते हुए हमारे शहर नूतन काया कैसे धारण कर सकते हैं, ये काशी में दिख रहा है। आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकापर्ण हुआ है, वो 'भव्य काशी-दिव्य काशी' अभियान को और गति देंगे।

मैं जब काशी के, यूपी के विकास में, डबल इंजन की डबल शक्ति की बात करता हूं तो कुछ लोगों को कष्ट ज्यादा ही हो जाता है। ये वो लोग हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश को सिर्फ जाति, मजहब, पंथ, के चश्मे से ही देखा।

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