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पीएम मोदी का नया अवतार, शबाना की बेटी को गोद में उठाया, कहा- इसे अच्छी शिक्षा देना

गाजीपुर न्यूज़ टीम, प्रयागराज. सहारनपुर की शबाना आजमी और अंबेडकरनगर की कल्पना तिवारी के लिए मंगलवार का दिन खास बन गया। शबाना और कल्पना ने प्रयागराज में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने शबाना और कल्पना के बच्चों को गोद में लिया और आशीर्वाद दिया। 

प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद शबाना ने बताया कि कक्ष में काफी देर से इंतजार कर रहे थे। प्रधानमंत्री आए और हालचाल पूछने के बाद नौ माह की बेटी को गोद में उठा लिया। बेटी को गोद में लिए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसको अच्छी शिक्षा देना। बेटी को आत्मनिर्भर बनाना।

इसके बाद पीएम ने अन्य महिलाओं से उनके काम के बारे में बातचीत की। कक्ष से निकलने के पहले प्रधानमंत्री ने कल्पना की बेटी को गोद में लिया और ऊपर उठाया। बकौल कल्पना, प्रधानमंत्री ने आशीर्वाद देने के साथ बेटी को पढ़ाकर आत्मनिर्भर बनाने के लिए कहा। 

शबाना और कल्पना अब बैंक कॉरसपॉडेंट (बीसी) का काम करती हैं। इससे पहले दोनों घरेलू महिला थीं। कल्पना अध्यापिका बनना चाहती थीं। लेकिन 2019 में शादी के बाद कल्पना के सपने को ग्रहण लग गया। 

इसके बाद दोनों महिलाओं ने बीसी का काम शुरू किया। शबाना और कल्पना ने बताया कि महिला सशक्तीकरण के तहत केंद्र व प्रदेश सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया। सरकार की योजनाओं की मदद से आज प्रदेश की लाखों महिलाओं का सपना साकार हुआ। 

मुलाकात होगी, बातचीत के बारे में तो सोचा भी नहीं था : राधिका

प्रयागराज शिवकुटी की राधिका सिंह के लिए भी 21 दिसंबर खास बन गया। नारायण आश्रम स्कूल की कक्षा आठवीं की राधिका मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की लाभार्थी है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वालों की सूची में शामिल थी। राधिका सोमवार की रात से प्रधानमंत्री से मिलने को लेकर उत्सुक थी। 

राधिका को यह नहीं पता था कि प्रधानमंत्री उनसे बात करेंगे। प्रधानमंत्री ने अचानक सवाल किया तो राधिका असहज हो गई। राधिका ने बताया कि प्रधानमंत्री से मुलाकात होनी थी। लेकिन बातचीत की कल्पना नहीं की थी। राधिका के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार बेटियों की हर मदद के लिए तैयार है। आप पढ़िए और माता-पिता का नाम रोशन कीजिए। 

पुलिस में जाने से पहले रजनी को मिल गया रोजगार

फतेहपुर के मलवा की रजनी पुलिस सेवा में जाना चाहती हैं। किसान की बेटी रजनी की तीन बहन और एक भाई हैं। दो साल पहले तक रजनी पुलिस सेवा की तैयारी कर रही थी। मां ने स्वयं सहायता समूह से जुड़ने के लिए कहा। रजनी समूह से जुड़ी और आज अपनी पढ़ाई के लिए पिता पर निर्भर नहीं है। रजनी ने बताया कि सरकार की महिला सशक्तीकरण योजना ने देश की आधी आबादी को बहुत बड़ा सहारा दिया है। पहले महिलाएं सोचती थीं कि क्या करें। अब महिलाओं के लिए अवसर की कमी नहीं है।

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