उत्तर प्रदेश के इन शहरों में जल्द दौड़ेगी 350 इलेक्ट्रिक बसें, तैयारियां तेज
गाजीपुर न्यूज़ टीम, लखनऊ/मेरठ. उत्तर प्रदेश के लोगों को आरामदायक सफर और सुरक्षित सड़क यात्रा कराने के लिए योगी सरकार पहल कर रही है. इसके तहत जल्द ही सूबे के आगरा, मेरठ, अलीगढ़, बरेली, गाजियाबाद और मथुरा समेत कुल 9 प्रमुख शहरों की सड़कों पर 350 से ज्यादा अधिक इलेक्ट्रिक सिटी बसें राहगीरों को यात्रा कराती नजर आएगी.
सूबे की शहर के सड़को पर चक्कर लगाने के लिए इन इलेक्ट्रिक सिटी बसों पर करीब 275 करोड़ रुपए खर्च होंगें. जिसके लिए बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन और ग्रीनसेल मोबिलिटी के बीच एक करार पर हस्ताक्षर किया गया है. बताया जा रहा कि इन बसों के संचालन के लिए लगने वाली लागत 275 करोड़ रुपए का पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन कंपनी देगी. सूबे की सरकार की ओर से इस स्मार्ट पहल को लेकर प्लान तैयार की जा रही है.
पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन कंपनी ने जिस ग्रीनसेल मोबिलिटी के साथ मिलकर एक साझे समझौते पर हस्ताक्षर किया है किया है दरअसल ये ग्रीनसेल देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए भारत और ब्रिटेन दोनों सरकारों की सहमति से बनाया गया एक ई-मोबिलिटी प्लेटफार्म है. ग्रीनसेल मोबिलिटी प्लेटफार्म इन देशों में इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन (ऑपरेशनल) में सरकार की सहयोग करती है. जिसका मुख्य मकसद है कि देश के भीतर पेट्रोल और डीजल फ्री वाहनों का इस्तेमाल किया जाए.
इन बसों के परिचालन का जिम्मेदारी पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन कंपनी के पास होगी. सभी इलेक्ट्रिक बसों में ड्राइवर भी इसी कंपनी के होंगे और कंपनी ही 10 सालों तक इन बसों के संचालन देखेगी. सभी बसो के मेंटेनेंस का काम भी कंपनी ही संभालेगी. बताया जा रहा है कि मेरठ शहर की सड़कों पर इनमें से 50 इलेक्ट्रिक सिटी बसें दौड़ेगी. जिले में इन बसों के परिचालन के लिए तैयारी भी शुरु हो गई है. बस अड्डो पर ई-चार्जिंग प्वाइंट बनाए जा रहे हैं. बता दें कि ये नई इलेक्ट्रिक बसें 45 मिनट चार्ज होने के बाद 120 किमी तक सफर करा सकेंगी.
केन्द्र सरकार ने फेम-II योजना के लिए आवंटित किए हैं 3,500 करोड़
बता दें कि केन्द्र सरकार ने भी इलेक्ट्रिक बसों को अपनाने और बढ़ावा देने के लिए 3,500 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ फेम-II योजना की शुरूआत भी कर चुकी है. इस फेम-II योजना का मकसद है देश में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों के विनिर्माण को तेजी से हो और इसे ज्यादा से ज्यादा लोग इसे इस्तेमाल भी करे.