लापरवाही की हद: कोरोना से मृत घोषित लोगों में 9 मिले स्वस्थ, बोले- साहब! मैं जिंदा हूं, नहीं चाहिए आर्थिक मदद
गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. सरकारी अभिलेखों में कोरोना से गोरखपुर जिले में मृत घोषित 848 लोगों में से नौ ऐसे हैं जो जिंदा हैं। यह सच तब सामने आया जब सूची के बचे हुए लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता के लिए आवेदन करने की जानकारी देने के लिए फोन किया गया। इनमें से कुछ तो ऐसे हैं जिन्होंने खुद फोन उठाया। कर्मचारी ने जैसे ही संबंधित मृतक का नाम लेकर यह तस्दीक करनी चाही कि मोबाइल नंबर उसके परिवार के ही किसी सदस्य का है तो उधर से मिले जवाब ने कर्मचारी को चौंका दिया। मृतक का नाम लेकर जवाब मिला कि वह खुद बोल रहा है। अब इन सभी के नाम मृतकों की सूची से हटाए जा रहे हैं।
सरकार की तरफ से कोरोना में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की मदद से जिला प्रशासन ने जो मृतकों की सूची तैयार की है उसमें 848 लोगों के नाम हैं। शासन ने इनके परिवारों को मदद के लिए जिले को 4.24 करोड़ रुपये उपलब्ध करा रखे हैं। ज्यादातर पीड़ित परिवार की तरफ से आवेदन आ गए मगर अभी भी कुछ पीड़ितों ने आवेदन नहीं किए।
योजना का लाभ पहुंचाने के लिए ऐसे ही लोगों के मोबाइल नंबरों पर बात करने के दौरान यह बात सामने आई कि गलती से नौ ऐसे लोगों के नाम मृतकों की सूची में दर्ज कर लिए गए हैं जो जिंदा हैं। माना जा रहा है कि कोरोना काल में कलेक्ट्रेट में बने कंट्रोल रूम में तैनात कर्मचारियों या फिर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से ऐसा हुआ है। आपदा विभाग के संयोजक गौतम गुप्ता ने बताया कि सभी के नाम काट दिए गए हैं। सत्यापन के बाद ही संबंधित पीड़ित को आर्थिक मदद दी जा रही है।
ये लोग मिले जिंदा
शहर के जाफरा बाजार के अरबाज खान, तौफीर खान, नसीमा खान, छोटे काजीपुर के अनुज अस्थाना, गीता वाटिका धरमपुर के विजय कुमार श्रीवास्तव, बिछिया जंगल तुलसीराम की गुलैची, असुरन चौक गीता वाटिका की उर्मिला पांडेय, महावीरपुरम की अमृता श्रीवास्तव, सुकरौली सिकरीगंज की सपना। अमर उजाला इन सभी लोगों की दीर्घायु की कामना करता है।
दूसरे जिले, प्रदेश के भी 24 लोगों को मिला लाभ
गोरखपुर में इलाज के दौरान कोरोना से जान गंवाने वाले दूसरे जिले, प्रदेश के 24 लोगों के पीड़ित परिवारों को भी 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी गई है। इन्हें दोबारा संबंधित जिलों से भी आर्थिक मदद न मिल जाए इसलिए आपदा विभाग, संबंधित जिलों के जिला प्रशासन को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दे रहा है।