मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने कहा - मुसलमानों को चाहिए मथुरा की मस्जिद हिंदुओं को सौंप दें
गाजीपुर न्यूज़ टीम, बलिया. बलिया नगर के विधायक व संसदीय कार्य राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने मथुरा पर विवादित बयान देकर सियासत गरमा दी है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बयान के बाद से मथुरा लगभग भाजपा नेताओं के निशाने पर है। मंत्री ने कहा है कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि का सम्मान करते हुए मुसलमानों को मंदिर के पास की मस्जिद हिंदुओं को सौंप देनी चाहिए। अदालत ने अयोध्या मुद्दे को सुलझाया था, लेकिन वाराणसी और मथुरा के सफेद ढांचों ने हिंदुओं की भावनाओं को चोट पहुंचाया।
मंत्री यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे कहा कि एक समय आएगा जब मथुरा में हर हिंदू को चोट पहुंचाने वाले सफेद ढांचे को अदालत की मदद से हटा दिया जाएगा। डा. राम मनोहर लोहिया के कथन का हवाला देते हुए कहा कि लोहिया जी बोले थे..भारत के मुसलमानों को यह मानना होगा कि राम और कृष्ण उनके पूर्वज थे। बाबर, अकबर और औरंगजेब हमलावर। मुसलमान उनके द्वारा बनाए गए भवनों से खुद को न जोड़ें। वह मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर (1992) को कारसेवकों ने रामलला पर मौजूद धब्बा को हटा दिया। अब वहां एक भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। वह स्पष्ट रूप से हिंदुत्ववादी भीड़ द्वारा अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस का जिक्र कर रहे थे। शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी के 'सनातन धर्म' (हिंदू धर्म) में मतांतरण के बारे में कहा कि मुसलमानों को घर वापसी (हिंदू धर्म) का पालन करना चाहिए।
मुसलमान अगर अपना इतिहास देखेंगे तो पाएंगे कि 200-250 साल पहले उन्होंने हिंदू धर्म से इस्लाम धर्म अपना लिया था। हम चाहेंगे कि वे साहसी कदम उठाएं और हिंदू धर्म अपनाएं। यह कदम मौलाना और मौलवियों के लिए एक चुनौती होगी जो देश में रहते हैं और तालाबानी मानसिकता को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की मूल संस्कृति हिंदुत्व और भारतीयता है। मंत्री ने समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और अध्यक्ष अखिलेश यादव को हिंदू विरोधी बताया।