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नहीं मिली धनराशि, तीन राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों का निर्माण ठप - Ghazipur News

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गाजीपुर. गाजीपुर जिले के सैदपुर ब्लाक के फुलवारी खुर्द, भुवरपुर और सदर ब्लाक के मैनपुर में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय भवन का निर्माण कार्य रुका हुआ है। प्रत्येक चिकित्सालय भवन के निर्माण पर 20.97-20.97 लाख रुपये खर्च होने हैं लेकिन अभी तक पहली किश्त की छह-छह लाख की धनराशि ही मिली है। दूसरी किश्त की धनराशि नहीं मिलने से काम रुका पड़ा है।

आयुर्वेदिक चिकित्सा सुविधा गांव-गांव मुहैया कराने के लिए उद्देश्य से राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय खोले जा रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिले में तीन राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के निर्माण के लिए 20.97 -20.97 लाख रुपये अनुमोदित किए गए। पहली किश्त की धनराशि छह लाख रुपये जारी होने के बाद जून 2021 में सैदपुर के फुलवारी खुर्द, भुवरपुर और सदर के मैनपुर के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के भवन का निर्माण शुरू किया गया। इनमें से सिर्फ फुलवारी खुर्द में छत की ढलाई हो गई है जिबकि भुवरपुर और सदर के मैनपुर में सिर्फ दीवारें ही बन सकी हैं। वर्तमान में निर्माण कार्य रुका पड़ा है। तीन माह बाद भी दूसरी किश्त की धनराशि नहीं मिली।

दूसरी ओर जिले में 27 अन्य चिकित्सालयों के लिए जमीन की तलाश जारी है। अभी इनके लिए जमीन नहीं चिह्नित की जा सकी है। इसकी वजह से जिले में पहले से चल रहे आयुर्वेदिक चिकित्सालयों को अपना भवन नहीं पाया है। ये आयुर्वेदिक चिकित्सालय पंचायत भवन, किराए के भवन या बारात घर में संचालित हो रहे हैं। कुछ स्थानों पर ये चिकित्सालय एक छोटे से कमरे में चल रहे हैं।

क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डॉ. आनंद विद्यार्थी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी आठ नये राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के निर्माण के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। इनका निर्माण नवली, दिलदारनगर, रेवतीपुर, खालीसपुर, बुढ़नपुर, सुहवल, विक्रमपुर और नारीपन देवरा में होगा। स्वीकृति मिलते ही इन स्थानों पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

गाजीपुर जिले में 45 आयुर्वेदिक चिकित्सालयों का होगा संचालन

गाजीपुर जिले में कुल 45 राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालयों को संचालित करना है। इसके लिए चिकित्सक के 48 द हैं जिसमें से 32 की नियुक्ति हो चुकी है। ऐसे ही 47 फार्मासिस्ट के पद हैं जिसमें से 39 की नियुक्ति हुई है। इस प्रकार जिले में कुल 149 कर्मचारी हैं। 32 चिकित्सकों में से तीन आयुर्वेद की पंचकर्म पद्धति और दो शल्य चिकित्सा के विशेषज्ञ हैं।

आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए नये आयुर्वेदिक चिकित्सालय विकसित किये जा रहे हैं। पुराने केंद्रों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। प्रत्येक केंद्र को 20.97-20.97 लाख रुपये खर्च होंगे।-डॉ. आनंद विद्यार्थी, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी।

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