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दुष्कर्म पीड़िता को धमकाने में विधायक विजय मिश्रा आगरा जेल से वाराणसी कोर्ट में पेश

गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. सामूहिक दुष्कर्म के मुकदमे को वापस नहीं लेने पर पीड़िता को धमकाने, लूटपाट और उसकी हत्या का प्रयास करने के मामले में चर्चित विधायक विजय मिश्रा को आगरा जेल से लाकर पुलिस ने सिविल जज (जूनियर डिवीजन) निधि पांडेय की अदालत में पेश किया। उक्त मुकदमे में अदालत द्वारा न्यायिक रिमांड मंजूर होने के बाद पुलिस विजय मिश्रा को लेकर वापस चली गई।

ज्ञात हो कि जैतपुरा निवासिनी युवती ने विजय मिश्रा एवं अन्य के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का गोपीगंज थाना में मुकदमा दर्ज कराया था। पीड़िता ने 13 सितंबर 2021 को विजय मिश्रा, उनके बेटे विष्णु मिश्रा, बेटी रीमा पांडेय, सीमा पांडेय, गरिमा तिवारी, भतीजे सतीश मिश्रा, मनीष मिश्रा समेत 13 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया। पीड़िता का आरोप है कि उसकी ओर से गोपीगंज थाना में दर्ज कराये गये मुकदमे में बयान बदलने के लिए उपरोक्त सभी उसपर बराबर दबाव बना रहे हैं।

जेल में बंद विजय मिश्रा की बेटी, दामाद, भतीजे कुछ अवांछनीय लोगों को लेकर उसके घर में घुस आए और अपशब्द बोलते हुए उसे सुलह करने के लिए धमकी देने लगे। विजय मिश्रा की ताकत का हवाला देकर सुलह नहीं करने पर सूर्यमणि सिपाही की भांति उसकी भी हत्या कराने जैसा अंजाम भुगतने की धमकी दे रहे थे।

जब उसने विरोध किया तो सभी ने उसका मोबाइल छीन लिया और मारपीट करते हुए उसकी हत्या का प्रयास करने लगे। सभी उसे जबरदस्ती घसीटना चाहे लेकिन शोरगुल होने पर उसे धमकाते हुए अपनी गाड़ी में बैठकर चले गए। उक्त मामले में विजय मिश्रा की बेटी रीमा पांडेय, गरिमा तिवारी, दामाद राज दूबे, रतन मिश्रा उर्फ गुड्डू, नाती विकास मिश्रा समेत दस आरोपितों की ओर से अग्रिम जमानत के लिए जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दायर किया गया था। जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश ने 22 नवंबर को सुनवाई करते हुए सभी आरोपितों की अग्रिम जमानत अर्जी को निरस्त कर दिया। उक्त मामले में विजय मिश्रा का न्यायिक रिमांड बनाने के लिए पुलिस ने उन्हें आगरा जेल से लाकर अदालत में पेश किया।

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