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दंपती के मजबूत हैं इरादे...दिन में एमए-बीएड वाले बेचते हैं स्पेशल छोले भटूरे, रात में करते हैं पढ़ाई

गाजीपुर न्यूज़ टीम, सहारनपुर. हर युवा यही सपना लेकर पढ़ाई करता है कि डिग्री लेने के बाद उसे नौकरी मिल जाएगी। रामपुर मनिहारान कस्बे का एक दंपती एमए-बीड और बीएससी करने के बाद भी छोले-भटूरे का ठेला लगा रहा है। नौकरी नहीं मिलने के कारण उन्होंने यह रास्ता चुना है। हालांकि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी है और नौकरी के लिए पढ़ाई कर रहे हैं।

तीन साल पहले किया था ग्रेजुएशन

रामपुर मनिहारन क्षेत्र के गांव जंधेड़ा निवासी भूपेंद्र सिंह पुत्र मैनपाल सिंह ने करीब तीन साल पहले ग्रेजुएशन किया था। भूपेंद्र ने बताया कि पिता ने मजदूरी करके उसे पढ़ाया। वह कई साल से नौकरी की तलाश में है। भूपेंद्र ने सहारनपुर निवासी रूमा भास्कर से शादी कर ली। रूमा भी एमए-बीएड हैं।

रात में घर जाकर करते हैं पढ़ाई

भूपेंद्र ने बताया कि उन्होंने सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया था। परीक्षा देने के समय कोरोना आ गया, जिससे परीक्षा नहीं दे पाए। भूपेंद्र का कहना है कि घर खर्च चलाने के लिए उन्हें छोटे भटूरे का ठेला लगाना पड़ रहा है। पत्नी घर पर रहकर नौकरी की तैयारी कर रही हैं। भूपेंद्र भी रात में घर जाकर पढ़ाई करते हैं।

ठेले पर लिखीं अपनी डिग्रियां

भूपेंद्र ने सहारनपुर की हसनपुर चुंगी पर छोटे-भटूरे का ठेला लगाया हुआ है। उसने ठेले के ठीक सामने अपनी और अपनी पत्नी की डिग्री भी लिख रखी हैं। लिखा है-बीएससी, एमएड वाले का स्पेशल छोले भटूरे का ठेला।

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