बनारस में 1001 शंखवादकों की तलाश, आप भी कर सकते हैं आवेदन, मिलेगा इतना मानदेय
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. सनातन धर्म की ध्वज पताका लहरा चुकी डबल इंजन की सरकार अब एक और अनूठा आयोजन करने जा रही है। अब श्री काशी विश्वनाथ धाम में जनवरी में 1001 शंखनाद करने की की तैयारी है। इसका विश्व रिकार्ड बनेगा। शंखनाद कराने का जिम्मा प्रयागराज में स्थित उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र (एनसीजेडसीसी) को मिला है। सहयोग में पश्चिम मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र भी रहेगा। एनसीजेडसीसी ने शंखवादन करने वालों से आनलाइन आवेदन मांगा हैं। आवेदन 28 दिसंबर तक किए जा सकते हैं। इसमें शामिल होने वाले शंखवादकों को एक-एक हजार रुपये और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
दरअसल 13 दिसंबर को वाराणसी में काशीविश्वनाथ धाम कारीडोर का लोकार्पण होने के बाद से ही काशी में विविध सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन का क्रम जारी है। इसी कड़ी में यहां रिकार्ड बनाने और अनोखे शैली में आयोजन को लेकर काशी में शंखनाद करने वालों की तलाश की जा रही है। आवेदन करने वालों से संपर्क कर आयोजन के बारे में उनको और भी अवगत कराया जाएगा और आयोजन को दिव्य भव्य बनाने के साथ ही प्रैक्टिस भी आयोजन से पूर्व कराकर पूर्वाभ्यास किया जाएगा। यह आयोजन अपने आप में काफी भव्य बनाने के लिए सरकारी तौर पर भी मशीनरी कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाह रही है।
विश्वनाथ धाम का स्वरूप परिवर्तित कर चुकी प्रदेश और केंद्र सरकार की मंशा अगले कुछ दिनों तक वहां धार्मिक आयोजन कराते रहने की है। इसी कड़ी में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार ने 1001 शंखनाद कराकर विश्व रिकार्ड बनाने का निर्णय लिया है। शंखनाद एक जनवरी या मकर संक्रांति के अवसर पर 14 जनवरी को हो सकता है। आयोजन की तिथि दो-तीन दिनों में तय हो जाएगी। एनसीजेडसीसी के निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा को इस आयोजन का नोडल अधिकारी बनाया गया है।
इसके लिए 1001 शंखवादकों की आवश्यकता है। इच्छुक लोग वेबसाइट nczcc.in पर आवेदन कर सकते हैं। इस पर अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल आइडी लिखना होगा। वाराणसी के शंखवादकों को वरीयता दी जाएगी। बताया कि श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के अवसर पर 301 शंखों का वादन हुआ था। आवेदन अगर कम आए तो इन शंखवादकों को भी शामिल किया जा सकता है। यदि आवेदन 1001 से ज्यादा हो गए तो तीन सदस्यीय कमेटी शंखवादन की गुणवत्ता के आधार पर वरीयता देते हुए तय करेगी कि किन 1001 लोगों को शामिल किया जाए।