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बड़ी महंगी हुई शराब, फिर भी बिक रही बेहिसाब

गाजीपुर न्यूज़ टीम, गोरखपुर. महंगाई के बाद भी शराब की बिक्री बढ़ती जा रही है। संतकबीरनगर जिले में अंग्रेजी, बीयर से कई गुना ज्यादा देसी शराब के शौकिन हैं। इससे 60 फीसद सरकारी राजस्व की प्राप्ति हो रही है। इसकी बढ़ती बिक्री से लोग अवाक हैं। वहीं विभागीय अधिकारी इस बात से खुश हैं कि शराब की बिक्री पर महंगाई का कोई असर नहीं है। बहरहाल चालू वित्तीय में नवंबर तक शराब की बिक्री से 145.04 करोड़ रुपये का सरकारी राजस्व प्राप्त हो चुका है।

अंग्रेजी, देसी, बीयर की हैं इतनी दुकानें

इस जनपद में देसी की 107, अंग्रेजी की 49 व बीयर की 43 लाइसेंसी दुकानें हैं। बंटी बबली, लैला, दिल खुश व बिल्लो रानी नामक देसी शराब गरीब, मध्यम सहित सभी तबके लोगों की पसंद बनी हुई है। दाल, सरसों तेल सहित अन्य खाद्य वस्तुओं के अलावा पेट्रोल, डीजल की महंगाई से लोग परेशान हैं। इन सबके बीच अंग्रेजी, बीयर की तुलना में देसी शराब की बढ़ती बिक्री ने लोगों को चौंका दिया है।

बिक्री की बढ़ोत्‍तरी का गवाही दे रहे आंकड़े

आंकड़ों पर गौर करने पर पाएंगे कि 2019-20 में 4593053.5 लीटर, 2020-21 में 4661247.08 लीटर वहीं चालू वित्तीय सत्र 2021-22 में नवंबर तक 3916043.75 लीटर देसी शराब की बिक्री हुई है। जबकि 2019-20 में 965188.17 बोतल, 2020-21 में 840789.00 बोतल व 2021-22 में नवंबर तक 672972.48 बोतल अंग्रेजी शराब की बिक्री हुई है। वहीं 2019-20 में 2484543.90 केन, 2020-21 में 1700905.45 केन व 2021-22 में 2028851.06 केन बीयर की बिक्री हुई है।

चालू वित्‍त वर्ष में अधिक मिला राजस्‍व

देसी, अंग्रेजी व बीयर की बिक्री से 2019-20 में 179.93 करोड़ रुपये, 2020-21 में 188.93 करोड़ रुपये व चालू वित्तीय सत्र 2021-22 में नवंबर तक 145.04 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ है। बिक्री की गति इसी तरह आगे भी रही तो पिछले वित्तीय सत्र की तुलना में चालू वित्तीय सत्र में अधिक सरकारी राजस्व की प्राप्ति हो सकती है।

देसी शराब की अधिक है बिक्री

जिला आबकारी अधिकारी आरपी तिवारी ने बताया कि देसी शराब के शौकिनों की संख्या अधिक होने से इसकी बिक्री सबसे अधिक है। केवल देसी शराब की बिक्री से 60 फीसद राजस्व की प्राप्ति होती है। शराब की बढ़ती बिक्री पर महंगाई का कोई असर नहीं है।

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