हेलीकाप्टर हादसे के शोक में टल गया बनारस में इलेक्ट्रिक बसों का शुभारंभ, जानें अपडेट
गाजीपुर न्यूज़ टीम, वाराणसी. तमिलनाडु में हेलीकाप्टर हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत, उनकी पत्नी समेत 11 सैन्य अफसर व कर्मी की असामयिक मौत की शोक प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र काशी की सड़कों पर इलेक्ट्रिक एसी बसों के चलने का होने वाला शुभारंभ कार्यक्रम टल गया। राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी द्वारा गुरुवार को हरी झंडी दिखा बसों को रवाना कर काशीवासियों को सौगात दिया जाना था।बसों को चार्ज कर विभिन्न रूटों पर चलाकर ट्रायल का काम चलता रहा। बनारस में चलने हेतु पीएमआई की 25 बसें आयी हैं।
बनारस में बढ़ते वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने व ईंधन (डीजल) की बचत हेतु इलेक्ट्रिक बसें चलाई जा रही।मिर्जामुराद में 12 करोड़ 30 लाख रुपया से इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन व वर्कशाप का काम अंतिम चरण में हैं।
वाराणसी रेलवे स्टेशन से 23 किमी दूर वाराणसी-प्रयागराज हाइवे मार्ग पर राजातालाब तहसील व आराजीलाइन ब्लाक अंतर्गत पड़ने वाले मिर्जामुराद के गौर गांव में ग्राम पंचायत द्वारा वर्ष 2019 में हाइवे किनारे इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग डिपो बनाने का प्रस्ताव पारित कर ग्राम पंचायत की 0.635 हेक्टेयर (करीब 53 बिस्वा) भूमि दी गई।जिस भूमि का प्रस्ताव दिया गया उस पर मौजूदा समय में तालाब रहा। उक्त तालाब में करीब 25 वर्षो से गौर गांव के डेढ़ सौ घरों के सीवर का पानी आता रहा।
पिछले वर्ष दिसंबर माह से उक्त तालाब से पानी निकाल जेसीबी मशीन से खोदाई कर उसमें मिट्टी भरने का काम शुरू कराया गया था। निर्माण कार्य शुरू होते ही जलनिकासी की व्यवस्था न बनने के साथ ही आस-पास के काश्तकारों द्वारा भूमि सीमांकन की मांग उठाएं जाने से बीच-बीच में काम भी रुकता रहा। टीनशेड के दो फ्लोर का वर्कशाप बनकर तैयार हो गया हैं।
वर्कशाप में कुल 18 कमरे बनाएं गए हैं। लालपुर विद्युत उपकेन्द्र से बिजली के खंभे व तार लगा सप्लाई चालू कर दी गई हैं। दो बड़े-बड़े विद्युत ट्रांसफार्मर लगने के साथ ही पानी हेतु पंप की बोरिंग की जा चुकी हैं। बसों को चार्ज करने हेतु पन्द्रह चार्जिंग प्वाईंट बनेंगे, जिसमे 13 प्वाईंट पर बसें चार्ज होगी। बारह प्वाईंट को पूर्ण करने का काम चल रहा हैं।दो को सुरक्षित रखा जाएगा।एक प्वाईंट पर दो बसें चार्ज होंगी।
एटीएम कार्ड नुमा कार्ड को स्वीप कराने पर चार्जर मशीन काम करेंगी। वातानुकूलित बस में यात्रियों को बैठने हेतु 28 सीटें हैं। चालक की सीट अलग हैं।गियर नही हैं, स्लेटर से बस चलेगी। आपातकालीन स्थिति आते ही बस के अंदर लाल रंग की बत्ती जल आवाज आने लगेगी। चालक के पास भी वायरलेस नुमा ध्वनि विस्तारक यंत्र लगा हैं।
आग पर काबू पाने हेतु दो छोटे अग्निशमन सिलेंडर भी रखे हैं।चालक भी आपातकालीन स्थिति में यात्रियों को सचेत कर सकता हैं।बस में सीसी कैमरे व एलईडी स्क्रीन लगे हैं। स्क्रीन पर स्टापेज का नाम दिखेगा।बस को चार्ज करने में 45 से 60 मिनट लग रहे।एक बार चार्ज होने पर बस 150 किमी चलेंगी।इस बस का किराया सिटी बस से अधिक हैं। मिर्जामुराद से कैंट आने में सिटी बस का जहां 24 रुपये किराया हैं, वही इलेक्ट्रिक बस में 35 रुपए देने पड़ेंगे।